Thursday, 19 October 2017

06.10.2017 CE, सृ. 01.08.9117 “6.1 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma” ** षष्ठं भागं ZazTam Bhaagam, भाग Bhaag-6, Part-6

** 06.10.2017 CE,   सृ. 01.08.9117.
 “6.1 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma”
**  षष्ठं भागं ZazTam Bhaagam, भाग Bhaag-6, Part-6:
                                                Page 6.01– 6.58

6.1    ** Autobiography of
Dr Pt Deo Dutta Sharma
28.11.2016 **

0o...m
Om
 आत्मकथा Aatmakathaa
देवदत्त शर्मा Deva Datta Sharmaa

* देवदत्त शर्मा के आत्मकथा
Deva Datta Sharma ke Aatmakathaa
 SrisTyabda: 14.09.1 972 949 116 din
se likhal suru *

 देवदत्तशर्मIइहलोकावतरणम्.
ब्रह्माण्डे इहलोके आकाशगंगायां सूर्यमण्डले पृथिव्याम् भारतवर्षे विहारप्रदेशे भोजपुर-मंडले ज्ञानपुर-ग्रामे आचार्य पण्डित अम्बिकादत्त शर्मा गृहे
श्रीमती देवरती देवी गर्भात् 14 अग्रहायण-मासे
सृष्टयाब्द 1 972 949 036 वर्षे द्वितीय पुत्रमवतरितः.
 
DevaDattaSharmaaIHALOKaAvatara0Iam. Brahmaa0Ie IHLOKe Sooryama0Iale Prithivyaam YureshiyaaMahaadeshe BhaaraataVarze BihaaraPradeshe BhojpuraManDale GyaanpuraGraame AchaaryaPanDitaAmbikaaDattaSharmaaGrihe Shrimati DevaratiDeviGarbhaat dwiteeyaPutra: jaata:.

* देवदत्त शर्मI के इहलोक मे जनम.
ब्रह्माण्ड के इहलोक के आकाशगंगा के  सूर्यमण्डल के  पृथ्वी , यूरेसिया के भारतवर्ष के विहार प्रदेश के भोजपुर-मंडल के ज्ञानपुर गIव मे आचार्य पंडित अम्बिकादत्त शर्मा के घरे श्रीमती देवरती देवी के पेट से दूसर बेटा के जनम भइल*


1.1 प्ररतIवनI Prastaavanaa प्ररतIवनI Initiation

देवदत्तः विचारयत् केन प्रकारेण एकसामान्य व्यक्ति सतत अथक पूर्णतया सत्याधारित प्रयासेन स्वदेशाय जनसमुदायाय किं कर्तुम् शक्नोति,
सत्यपथे कानि कंटकानि दर्शयति अत्र.

** Deo Dutta decided to produce his Autobiography to depict what an ordinary person can do for the Motherland, Society and Mankind by dedicated non-ending efforts following the path of truth.
It also throws light on the hurdles on the
Path of Truth.

Deo Dutta is fortunate to be born in
"The House of Vedas and Ayurveda"
as the Second son of
Acharya Pt Ambika Datta Sharma & Shrimati Devarati Devi, a literate-learned person from whom he inherited enormous Knowledge:
Theoretical as well as Practical, following the path of Truth for the good of all beings, living and non-living. **

 आचार्य अम्बिकादत्त शर्मा एवं
        बुद्धिमति श्रीमती देवरती देवी द्वितीय
पुत्ररूपेण "वेदIयुर्वेदगृहे" जात:, तथा तेन अतुलनीयज्ञानं प्राप्त: व्हुजनहिताय. 

प्राचीन–अर्वाचीन-ज्ञानसह डॉ पण्डित देवदत्त शर्मा अमुल्यज्ञानम् जनहिताय, तेषाम् संवर्धनाय कार्यम् कर्तुमिच्छति.  

** Having a blend of Ancient Classical and
Modern Knowledge
Dr Pt Deo Dutta Sharma
has acquired enormous knowledge which he likes to share to Mankind as a Whole for the good of all. **







26.   "इंजिनियर्स होस्टल सं 1" छात्रावासें Chaatraavaase
इंजिनियर्स होस्टल सं 1 में me` In Engineers Hostel No.1
                                                         Page 6.28 – 6.36           
स्नातक (यांत्रिक ) (अभियंत्रण) प्रथम वर्षे ये 30 छात्राः उपरि आसन्, तेअभियंत्रण छात्रावास संख्या -1” निवासितुम स्थानम  प्राप्तवन्तः. एतत् 
छात्रावासः अशोक राजपथ एवं BCE तथा पटना गांधीसमाधि तट पथमध्ये अस्ति.   
*       B. Sc (Engg.)(Mech) के पहिला वरीस के परीक्षा पास कईला के बाद जब हम BCE दूसर बरिस में गइनी, ऊपर के 30 स्थान पावे वाला स्टूडेंट के इंजीनियर्स हॉस्टल . 1  में जगह देल गइल रहे. छात्रावास अशोक राजपथ के BCE  गांधी घाट के जोडेला. गंगा किनारे गांधी घाट उनकर समाधी बा पटना मेँ. *
**    After passing 1st year of B. Sc (Engg.)(Mech), top 30 Students including myself were allotted ‘Engineers Hostel No.1’ when they joined 2nd year Engineering. This Hostel was situated on the main road joining Ashok Raj Path with BCE and Gandhi Ghat on River Ganga where the Samadhi of Mahatma Gandhi is present in Patna. **
                                
अभियंत्रण छात्रावास संख्या -1” अति महत्वपूर्णमासीत् यत्र साधारणतया चतुर्थवर्षीय छात्राः निवसन्ति स्म.  छात्रवास संख्या 2, 3 एवं 4 अन्यछात्राः निवसन्ति स्म, ये महाविद्यालयप्रान्गने आसन्.  
* अभियंत्रण छात्रावास संख्या -1 बहुत नामी छात्रावास रहे, जे ख़ास के 4 बरीस के स्टूडेंट्स खातिर रिजर्व रहे.   छात्रावास . 2, 3 4 में बाकी छात्र लोग रहत रहन, जे कालेज कैम्पस में रहे.  *   
** The Engineers Hostel No.1 was a very prestigious hostel which was reserved for the Final 4th Year students. Hostel No. 2, 3 and 4 were inside the campus of BCE on Western side, where as the residents of some professors including Hostel Superintendant. **













26.1 ज्येष्ठ भ्रातासह मेलनम् BaR Bhaai se Milan बड़ भाई लोगन से मिलन Met Senior Brothers or Negative Ragging.                                                                         Page 6.30 – 6.36

यदा वयं द्वितीय वर्ष छात्राछात्रावासे गतवन्तः, तदा केचन अतिसुन्दरघटनाः घटितः. यथा:-     
ये छात्रा: प्रथमवर्षीयपरीक्षायाम् उच्चस्थाने आसन्, तेभ्यः एकैकगृहम् प्राप्तवन्तः. म् न्
1.  अहम् छात्रावासे गृहसंख्या- 1, 1- तले प्राप्तः.   
    
* जब हमदूसर बरीस के छात्र’ छात्रावास में गइनीजा खूब नीमन बात भइल. जईसे:-
1.  हमनी के ऊपर के कुछ छात्र के अकेला रहे के एक एक कमरा मिलल:- हमरा मिलल कमरा संख्या 1, छात्रावास के पहिला तल्ला . *
** Many nice things happened when I and my 2nd Year mates entered into ‘Engineers Hostel No.1’ of BCE. e.g.
1.       We were allotted single seated rooms: myself in Room No.1 in FF of the Hostel. **

2. श्व: प्रातः 20 - 25 चतुर्थवर्षछात्रान् मम गृहे आगतवन्तः छात्रावासे मह्यं स्वागतकरणीयं. तत्पश्चात् मम सह ते अन्य द्वितीयवर्षछात्रगृहेसु गतवन्तः स्वागतम् कर्तुम्.      

·       2. दूसर दिन भोरही 20 - 25 चौथा बारिस के स्टूडेंट हमरा कमरा में आके एह छात्रावास में स्वागत कईलन, फेरु हमरा साथ बाकी दूसर बरीस के छात्रन के कमरा में जा जा के उनकर स्वागत कइलन

** 2.      Early in the morning some 20 – 25 4th Year students came to my room ‘to welcome me’. Later with me, they went to other 2nd Year students rooms and Welcome us as their younger brothers. **

3. ते कथितवन्तः,"ते अश्माकं ज्येष्ठभ्रातावत, अतः केचन समस्या काले, छात्रावासे अथवा वहिःसूचना मात्र आवश्यकं, ते सर्वे एकपरिवारवत तत्र भवन्ति.    
*  3. कहलन:, "उनका के हमनी के बड़ भाई माने के चाहीं, कवनो सलाह खातिर, चाहे कवनो हॉस्टल के भीतर चाहे बहरी जदि समस्या होखे,  कसहुँ खबर पहुंचे के चाहीं, बस हम सब साथ होखब एगो परिवार जइसन
** 3.They said: They should be treated as our elder brothers, and in case of any guidance or problem inside or outside the Hostel in the city, we could simply inform any of them and forget about the problem as we were all together as a family. **

अस्मभ्यं एकैकं एकचतुर्थवर्षीय Er अभियंता सह अभवं, यः पथप्रदर्शकः. मम पथप्रदर्शकः जम्मूवासी अभियंता अरोरा आसीत्, यः मां स्लाइड-रूल-यन्त्रस्य परिचालनप्रशिक्षकः आसीत्.   
* हमनी के हर सेकंड इयर के स्टूडेंट के, एगो 4m बरिष  के स्टूडेंट साथ कइल गइलन, जे पढ़ाई दूसर  समस्या खातिर सलाह दीहें. 
४म बरिस के Er अरोरा जम्मू के, हमार देख-रेख कइलन, जेकर अरिस्टो स्लाइड रूल मास्टरी रहे, ऊहे हमरा के के स्लाइड रूल सिखवलन. *
** Each one of us was assigned to one 4th Year student to   guide us in any or all matters including academic or any other problem.
Er Arora of 4th Year Civil Engineering, coming from the state of J & K was made my direct guide whom I could approach any time. **

इदं आश्चर्यजनकअनुभवम्! मया जनैः 'रेग्गिंग-दुर्दशा' श्रुतः, परन्तु अत्र पारिवारिकप्रीतिम् प्राप्तम् 'अभियंताछात्रावास-संख्या -1' !! 
* अनुभव अचरज वाला भइल! हम लोगन से 'रेग्गिंग' सुनले रही, बाकिर  इहाँ मिलल परिवार के प्रेम; BCE, पटना के 'अभियंता छात्रावास संख्या -1' में!!! 
** This experience was strange! I had heard about ‘Ragging’.
But such experience was really astonishing, a family type of living in a Hostel of BCE, Patna!!! **

4. भोजनशाला व्यवस्थापकः मैथिल ब्राह्मणः आसीत्,य: मोदफलपुरवत भोजनपाचकरूपे प्रसिद्ध:. इदं स्लाघ्यम्. 
*मेस मैनेजर मैथिल ब्राह्मण रहन, जे लोग नीमन भंशीया होलन, मुज़फ़्फ़रपुरिया भोजन निमन बनावेलन. हमरा नीमन लागल. *  
** 4. The Mess manager was a Maithil Brahman who was and are pioneer in cooking, serving food basically of Muzaffarpur type. This was quite nice experience for me. **


*5. मम ज्येष्ठभगिनी वैद्या श्रीमती सावित्री देवी शर्मा मम                   छात्रावासे आगता. सर्वे छात्राः अति प्रभावितवन्तः तस्या ज्ञान एवं भगिनीप्रीति दृष्ट्वासा आस्मां सह विशिष्ट सात्विक भोजनम् कृता भोजनालये.
* हमार बड़की दीदी वैद्या  श्रीमती सावित्री देवी शर्मा एकदिन  हमरा मिले छात्रावास आगइली ; सब छात्रन के उनकर ज्ञान बहिनिवाला प्रेम बड़ा नीक लागल; मेस में हमनिये के साथ भोजन कईली जे ख़ास का के उनके खातिर बनल रहे बिना पियाज लहसुन के *
** 5. My Didi,Vaidya Smt Savitri Devi Sharma 
once came to see me in my Hostel. All students were very much influenced with her the knowledge and sisterly love for all. She took lunch with us in the Mess which was specially prepared for her since she was not eating even Onion and Garlic. **

दिनभोजनोपरान्तं छात्रा: मम, अस्माकं ज्येष्ठभगिनी सह वार्तालापे व्यस्तमभवन्. रात्रौ अर्धहोराधिक् अष्टवादने अहम् ताम्  मम पीतिव्यनिवासेशासकीय संस्कृत विद्यालये’ नेतुमिच्छम्, परन्तु सर्वे छात्राकथितवन्तः, "अस्माकं भगिनी अद्य अत्रैव विश्रामम् करिष्यति."
* दिन के भोजन के बाद विद्यार्थी लोग हमार, ना ना हमनी के दीदी से बात करे लगले; करीब 8.30 रात होगईल; हम दीदी के रात में रुके खातिर चाचा जी, जे शासकीय संस्कृत विद्यालय, पटना  के प्राचार्य रहन, उनका ईहा ले जाए के चहनी। बाकिर छात्रावास के हमार साथी रोक देलन कह के कि, "हमनी के बहीन एहिजे आराम करीहें".      
** After lunch students started talking with my, no no with the sister of all of us. It was 8.30 PM, and I liked to take her to my uncle’s residence who was in a Principal of the Government Sanskrit School, Patna for taking her rest in the night. But my fellow students didn’t allow me to do so telling, “Our sister will take rest here itself”. **

अतः अहम् किंचित कथितं. मम सहछात्रावासी तया सह आयुर्वेद, स्वतंत्रतासंग्रामम्तथा वेद एवं अनेक अन्य विषयेषु वार्ताम्  कृतवन्तः रात्रौ  11.30 वादन पर्यन्तम्
सा मम कक्षायाम् विश्रामम् कृता. इदं विचित्र अनुभवम्, यत् एक ललना, वालकछात्रावासे रात्रौ विश्रामम् कृतI.  
> Sarvesaam aanandaaya kecan niyametar kaaryam kara0Iam sambhavam.
* एह से हम कुछुओ ना सकनी; हमार साथी लोग आयुर्वेद, स्वतन्त्रता युद्ध, सनातनार्य के विषय में, वेद का ना के विषय में 11.30 रात  तक बतियावत रहलन. 
हमरे रूम में रहली.   एगो विचित्र अनुभव भइल, हमार बहिन, एगो लइकन के छात्रावास में रात में रहली.
> Sab ke khushi khaatir, choT moT nyam ke nazarandaaz kail jaa sakelaa. *
** I could not do much. The fellow students kept on talking with her about Ayurveda, Struggle for Independence of India, about Sanatanarya, about Vedas and what not till 11.30PM.
She stayed with me in my room. This was a strange experience for me, my sister, a lady staying in a boys’ hostel.
> For the good and happiness of all, skipping minor regulations may be done. **

** 6. एकदिवसे द्वारपाल स्थाने अहम् एकवृद्धजनं द्वे लम्बपुस्तिकासह लिखने व्यस्तम् दृश्टः, यस्य निकटे 2, 3 ब`सनिर्मितपात्राणि आसन्. अग्रे पश्यतां एतस्मिन् विषये, परन्तु एतत् अनुभवम् च विचित्रम्.
* एक दिन हम गेटकीपर के पास एगो बड़ रजिस्टर ले के, , 3 डलिया के साथ बइठल बूढ आदमी के देखनी जे कुछ लिखत रहे; इनका विषय आगे लिखल बा, जे एगो नीमन अनुभव भइल
** 6. One evening I saw the old man on the gate of the Hostel with 2, 3 baskets and a few long registers where the Gate keeper used to be present. This was also a nice experience of the Hostel as described in the next paragraph. **

   











27. 'रबड़ीवाला बाबूलाल: सदाचारी' उदार दिल वाला Udaar dil Vaalaa "बाबूलाल रबड़ीवाला", High Hearted 'Babulal Thickened Milkman'.                                                                            Page 6.37 – 6.40
संभवतया रात्रौ 8 वादने द्वारे केचन आगतः. एक वृद्ध जनः आसीत्, यः कथित:, "पुत्र! गढ़ितदुग्धमिच्छसि?" 
अहम् उत्तरितं, "". तदा सः गतः.  सः बाबुलालः गतः. 
तथैव बाबुलालः द्वे त्री दिवसान आगतः, तथा अहम् सदा '', कथितं.
अन्य दिवसे सः भितरी आगत्य, तथा एक मृत्तिका गढ़ितदुग्धम् खादितुं कथित:. 
यदा अहम् पुनः '' कथितं (निरर्थकम् अर्थहानि अलम्), तदा सः कथितः, "वाल! यच्छ एतत् गढ़ितदुग्धम्, त्वं किमपि दद."
* करीब 8 बजे रात के दरवाजा खटखटवलस, एगो बूढ़ आदमी रहन, जे कहलन, "बेटा रबड़ी लेंगे?" 
हम कहनी, "ना";      चलगइन.   रहन बाबूलाल
असही दू तीन दिन बाबूलाल जी के हमरा से पूछत रहलन रबड़ी खातिर, बाकिर हम रोज नकार देत रहीं 
 अगिला दिन दरवाजा खटखटा के भीतरी गइलन 1 कपटी रबड़ी लेबे के कहलन.  
जब हम फेरु नकार देनी (ख़ास के बेकार के अइसन दामी चीज खाये में खरच के चलते), कहलन, "ले  बबुआ, हमरा खातिर, कुछुओ देबे के जरूरत नइखे".  
** One day at about 8 pm an old man knocked my door, and said that, "Beta Rabadi le lo". 
I said, "Not required". He went away.
When first few days Babulal, Rabadi Wala asked me for taking Rabadi, I refused to take the same every day.
The other day in the night, he knocked my door, and came in and requested me to take a cup, earthen of Rabari. When I refused again, he said, “Please take, you need not pay anything”. **
सः कथित:, "अहम् अति प्रशन्नम् भविष्यामि, यदा त्वं  प्रतिदिनं संध्यावेलायाम् एक मृत्तिकापात्रम्  गढ़ितदुग्धम् खादिष्यसि.   कदापि चिन्तयतु रूप्यकानि, यानि आगच्छन्ति, गच्छन्ति, परन्तु यत् संतोषं तथा आनंदम् अहम् प्राप्स्यामि, यदा मम गढ़ितदुग्धम् मम वालकाः खादन्ति, तत् अमूल्यम्."
तदा अहम् गढ़ितदुग्धम् खादितं, यत् अतिस्वादिष्टमासीत्, परन्तु स्वादिष्टतरम आसीत् बाबुलालस्य  प्रीति एवं मधुरतमं वाणीम्  तत्पश्चात् अहम् यदा कदा गढ़ितदुग्धम् खादन प्रारभत.          

* कहलन, "हमरा बड़ा ख़ुशी होइ जदि  तूं हर सांझ एक कपटी रबड़ी खइब~ . पइसा के सोंचबे ना कररुपिया आवत जात रहेला, बाकिर जे संतोष खुसी मिलेला  हमरा, जब एगो लइका हमार रबड़ी  खालन, ओकर कवनो दाम  नइखे"
हम रबड़ी खइनी, जे खूब नीमन लागल, बाकिर ओहू से स्वादिस्ट लागल बाबूलाल जी के प्यार मीठ मीठ बात ;   तब से हम जब तब रबड़ी खाये लगनी      
** He replied, “I shall be pleased, if you take a cup of Rabari each evening. My boy, do not think about money. Money comes and goes, but the satisfaction and pleasure I get when a boy takes my Rabari is immeasurable”.
I took the Rabari which was really very tasty; but tastier was Babulal ji’s love and sweet talk. Since then I started taking Rabari of and on. **

शष्टादश वर्ष पश्चात् अहम् बाबुलालस्य मुखम् यथावत् पश्यामि. जनाः कथयन्ति त् सः दिवंगतः, मध्यम् सः यथावत् अस्ति. 
एकमासपाश्चात् यदा अहम् छात्रावासस्य द्वारे अगच्छम्, बाबुलाल: पत्रालयात् 1800 /- (  3 60 000 सृ. 9117). प्राप्त:,    
करीब 60 बरिस बादो हम बाबूलाल के मुह साफ़ देखतानी ; लोग कहले अब  नईखन, बाकिर हमरा  खातिर आजो बाडन.
एक महीना बाद  एक दिन जब हम छात्रावास के गेट से जात रहीं, देखनी कि बाबूलाल एगो मनीआर्डर लेत रहन 1800 /- (आज  3 60 000 सृ 9117 में).  ह्मार उत्सुकुता देख के बाबूलाल कहले, " रुपया इंजीनियर श्री हरि ओझा भेजले बाड़न हज़ारीबाग़ से जहां अब कार्यपालक अभियंता के पद बाड़न उनका अब बाबूलाल इयाद आगईल होइहन जे से पइसा भेजलन *

** I still remember Babulal’s face after about 58 years. People say, he is no more; but for me he is still there.

One day, after about a few months, while I was passing through the Hostel gate, I saw Babulal receiving a Money Order R 1800 /- (R 3 60 000 in 2017). Seeing my curiosity, Babulal said, “This amount is sent by Er Shri Hari Ojha from Hazaribag where he is now the Executive Engineer, and now might have remembered me and has sent some money.” **

अपरंच, बाबुलाल: कथित:, "मम अभियंता वालकाः यदा कदा स्मरन्ति मां, तथा किंचित मुद्रान प्रेशयन्ति. 
 > भारतस्य एतत् निस्वार्थी जनेभ्यः समभावकारकेभ्यः अहम् नमामि. 
                                               
* बाबूलाल औरु कहलन, "हमार इंजीनियर लइका  हमरा के इयाद करत रहेलन कबहुँ कबहुँ कुछ भेजत रहेलन."
> हम भारत के अइसन धुन के पक्का आदमी के प्रणाम करतानी, जे बिना कवनो स्वार्थ के सब के समान भाव से सहायता  सेवा करत रहेलन *
** Babulal added, “My Engineer Boys remember me and keep me sending some money.”
>   I bow to such dedicated persons of India, who selflessly do great service to the society. **                       






28. गर्धभाचार्य: Gardhabhaacaarya: गदहा चढ़ाई
Gadahaa caD*aai Ass-riding                                Page 6.41 – 6.46

प्रातः 6.40 वादने वयं "इंजिनीयर्स हॉस्टल . 1" छात्रावासात् 7 प्रातः बी. सी.  उपस्तित:.
एकदिवसे अहम् समययाभावे आसम् अतः अहम् स्व वाहनगच्छानसहपाठिं इंगितम्. परन्तु सः कथितः, अहम्  गर्दभवाहनेन महाविद्यालये गमनीयम्तदैव अहम् गर्धभे आरूढम्, एवमेव  अहम् महाविद्यालये गतः. सर्वे एतान दृष्टः. 
हमनी के  6.40 बजे भोरे  "इंजिनीयर्स हॉस्टल . 1 से निकल के बी. सी.  पहुँचत रहीं जा 7 बजे के  किलास करे खातिर. राह में ढेर गदहा घुमत रहन एने ओने.  
एक दिन तनी लेट हो गइल रहे.  इंजिनीयर्स हॉस्टल . 1 से बी. सी. जाए में करीब 10 मि लागत रहे.  
तबहीं हम एगो सहपाठी के कार से जात देखनी, हाँथ देखवनी लिफ्ट खातिर. कार रोके के बदले चिल्ला के कहलन, एगो गदहवा काहे नइखे पकड़ लेत.  फेरु का! हम एगो गदहा देब गइनी. चारो और लोग देखे लागल. कार वाला एही घरी हमार फोटो ले लेलस.
कालेज गेट के बहरीए हम गगहा से उतर गइनी, बाकिर जइसे तइसे समय  किलास में पहुँचिये गइनी सब गदहा वाला खिलकत करत.
** We used to go to BCE at about 6.40 AM from Engineers Hostel No.1 to be present in the class at 7 AM. On the way there were several donkeys moving here and there.
          One day I was a bit late. BCE was about 10 m from Engineers Hostel No.1.
          I saw one of my day scholar class-mate going on a car. I indicated for a lift.
However, instead of stopping the car, he shouted why I was not catching    an ass.
         No one could dare to teach me.
I caught a donkey and had a nice ‘Donkey Ride’ from the Hostel to the BCE Gate. My car-owner class-mate even took some snaps also while I was having a donkey ride.
     Since then I had many ‘Two-legged-Donkey Rides’.
     The next few days this was the talk in the BCE Campus.**












28.1   मित्रं  Mitram साँच दोस्त  Saa`c dost A True Friend!!
                                                                                      Page 6.43 – Page 6.46
अधुना अहम् स्व मित्रं एवं सहपाठी धरानन्द झा` स्मरामि, यस्य गृहे अहम् स्व माध्यमिक विद्यालय-परीक्षायI: एकदिवस पूर्वं गतः, तदा : कथित:, "श्वः आगच्छ मम स्थले, तदा आवाम् परीक्षाकेंद्रे गमिष्यामः. "
* इहाँ हमरा आपन सहपाठी मित्र श्री धरानन्द झा इयाद  गइलन, पता ना कहाँ बाड़न, बाकिर हमार असल मित्र रहन. आपन एस. एस. इ. परीक्षा सुरु होखे से दिन पहिलहीं हम उनका इहां गइल रही कहले रहन कि, "काल्हु एहिजे जाना साथे चलब जा परीक्षा केंद्र" *

**   Here I remember my class mate Shri Dharanand Jha of my School Final. I had met with Dharanand a day before the start of our SSE Examination. We had the same centre in Jila School, Muzaffarpur. He had said, “Tomorrow you come to my residence (at a distance of about 1.5 km from my house) from where we will go together.”           **
                                     
प्रातः यदा अहम् जागृतः, अहम् 3 भीषण ज्वरे आसम्, गलाग्रंथीप्रफुल्लम् तथा अति पीड़ा तत्र आसीत्. अतः अहम् एक वालकम् त्रिचक्रवाहनमानयितुं कथित:. 
अगिला दिन भोरे  जब उठनी, हमरा 3 डिग्री बोखार लागल रहे; हमरा गलसोद हो गइल रहे, गाल फूलल ढेर दरद; हमरा परीक्षा केन्द्र 8.40 तक पहुंचे के रहे, परीक्षा 9 बजे से सुरु होखे के रहे 9 से 12 बजे लेहम 8 km साइकिले से निमना में चल जइतीं करीब 40 मिनट मेँ; बाकिर बुखार लागल रहे, एह से एगो लईका  के रिक्सा ले आवे के कहनी   *
अहम् एक वालकम् कथित: त्रिचक्रं आनयितुंतत् वालः आगत्य कथित:, " क्वचित् त्रिचक्रम्". तदा 8.20 वIदनं, अतः समये केंद्रे गमनम् असम्भवम्, अतः एतश्मिन् परीक्षायां उपविशतु` इच्छा अहम् त्यक्तम्.
* हम एगो लइका के कहनी रिक्सा ले आवेके धरानन्द के घर जा खातिर ; आके कहलस कि कहउ रिक्शा नइखेअब  8.20 हो गइल रहे; जिला स्कूल समय  पहुँचल असंभव रहे ; एह से एह परीक्षा में बइठे के सपना ऍम छोड देनी
** I asked my servant to fetch a rickshaw to go to Dhara’s residence. But he came bach just to say that there was none. It was already 8.20 am. There was no way to reach Jila School in time. Seeing my condition, I had decided not to appear in the examination. **  
तदेव अहम् दृश्टं धरानन्दं गृहे प्रविशन्. मम माता अतिप्रसन्ना, अहम् अहम् केंद्रे गन्तुं उद्यत:. तदैव धरानन्द: कथित:,
     "उत्तिष्ठ,  आगच्छ, समयम् कुतः.तदैव अहम् उत्तिष्ठम्
   
तबहीं हम देखनी धरानन्द के घर में आवत. हमार माई बड़ा खुश, हमहुँ खुश, हम चउकी  असहीं लेटल रहीं बुखार में जाये के तैयारिये में; धरानंद कहलन, "तुरत चल, ना लेट होजाइब जा."
बिना समय गांववले हम उठ गइनी, उनके साथ चल देनी.   आपन भाई के कार से आइल रहन जेकर ड्राइभर हमनी के नव बजे से 5 मिनट पहिलहीं पहुचवलस.  *
** Then i saw, Dharanand entering in my room. My mother became happy and I too. I was just lying on a cot in the fever, still not undressed. Dharaa said, “Get up quick, lest late.”
Without loss of time, I accompanied him as a he was a true companion. He had come with his brothers car. The car driver could take us to the Centre, 5 min to 9am.**

धरानन्द झा मम स्थले नीत्वा, स्व स्थले गतः. पर्यवेक्षक: कथित:, "कि त्वम शय्याम इच्छसि?"
अहम् कथित:, " अधुना". मध्यम् समयम् महत्वपूर्णंम्.
अहम् स्व प्रश्नपत्रम् तथा उत्तरपुस्तिका प्राप्तम्. प्रश्नम् दृष्ट्वा मम ज्वरम् गतः. अहम् सर्वे प्रश्नानि यथासमये उत्तारितं तथा उत्तरपुस्तिका पर्यवेक्षाकम् समर्पितम्.
* धरानन्द झा हमरा के हमरा हाल में छोड़ के अपना हाल में चल गईलन. हमार बुखार के देख के गार्ड जी कहले, "का हमरा बिछावन चाहीं?"
हम कहनी, "अबहीं ना, सर". हम समय गवावे के ना चाहत रहीं. हम कॉपी प्रश्नपत्र ले लेनी. प्रश्न देखते हमार बुखार गइल फुर्र !!!
फेरु हम पूरा उत्तर दे के, कॉपी जमा देनी समय भीतरे.  *    
** Dharanand left me to my hall, and went to his hall. Seeing my fever, the invigilator said, “Whether, I needed a bed.”
I said, “Not now Sir.”  I didn’t like to loose any time. i got my copy book and question paper together. Just after seeing the question paper, i felt my fever was down. I then completed my answers and submitted the same well in time. **


शीघ्रम् धरानन्दः आगतः. वाहनः पूर्वमेव आसीत्. मम मित्रं प्रशन्नमभवत् मां स्वस्थ्यम् दृष्ट्वा. 
: मम वस्तुतः मित्रं, तु, सः यः मां गर्दभाचार्यं कृतः. 
स: गर्दभ: च मम मित्रं, य: समये मम कार्यं कृतः. 

* तुरतै धरानन्द जी गइले. कारवा रहलें रहे. मित्र हमरा के ठीक - ठाक देख के खुश भइलन. 
हमार असल दोस्त रहन. ओइसन ना जे हमरा के 'गर्दभाचार्य बनवले. ऊ गदहो हमार दोस्त रहे, जे समय प काम आइल.  *

** Within a few minutes, Dharanand ji came to me. The car was waiting. My friend Dhara became very happy to find me well.
He was a true mate, friend of mine. Not like the one on the car, who avoided to give a small lift, and joked to take the donkey ride.
The donkey, too was a friend of mine.**   




29.      सूर्यषष्ठीव्रतपूजनम् गांधी-तटे SooryaZazTheeVrataPoojanam Gandhi taTe.  छठ पूजा गांधी घाट प ChaTh Poojaa Gaandhi GhaaT pa.
Chhath Pooja, Sun Worship at 'Gandhi Ghat'. Page 6.47 – 6.51

अद्य सृ. 19.08.9117 कार्तिक शुक्ल चतुर्थी दिवसे पूजाकर्ता मात्र सात्विकभोजनम् करोति स्नानध्यानपाश्चात्. 
* आज सृ 19.08.9117 कातिक अंजोरिया चउथ के छठी माई के पूजा के  'नहा खा' जब कर्ता कवनो सादा खाना खाले 'नहइला' के बाद. *   
Aaj Sri: 19.08.9117 Kaatik A`joriyaa CauTh ke ChaThi Maai ke Poojaa ke ‘Nahaa khaa’ ha poojaa kartaa khaatir. Okare baad uu kawano saatvik bhojan ka sakele. *   
** Today on 24.10.2017 Chhath Pooja, Sun Worshipping 2017 started as ‘compulsari bathing of the worshipa:’ before taking any ‘satvik’ food. **

'बी सी ', ‘बिहार अभियांत्रिक विद्यालये’ वर्गाः विजयादशमी अवकाशपाशचात् प्रतिदिनं अभावत्, मात्र 1 दिवस दीपावली, तथा द्वे दिवससूर्यषष्ठीव्रत पूजनम् त्याज्य.
 अहम् यदा कदा गृहं मुज़फ़्फ़रपुरम गन्तुं असमर्थः, मात्र गंगापार गमने 4 - 8 होरा समयं कथं यापनम.  
* बी सी में क्लास जोर से चलत रहे.  दशहरा पूजा के छुट्टी के चार दिनन के बाद, पूरा कातिक किलास चलत रहलखाली 1 दिन दियरी 2  दिनन के छठ पूजा के छुट्टी के छोड़ केहम ढेर बेर घरे मुजफ्फरपुर ना जा सकत रहीं, काहे कि 4 से 8 घंटा त~ गंगे जी के रेलवे के स्टीमर से पार करे में लाग जात रहे. *
** BCE Classes were going on fast. After 4 days Vijayaa Dashami Pooja vaccation, the whole Kartik Month classes continued except 1 day holiday for Diwaal and after a gap of 5 days, 2 day Holiday for the Pooja of ‘Sun God’, ChhaTh Poojaa’. I couldn’t go home in Muzaffarpur so often as crossing the River Gangaa itself on the Railway Steamer used to take about 4 to 8 hours. **

समयम् त्याज्य, तदापि धनं आवश्यकं, अतः अहम् तु छात्रावासे स्थातुं निर्णित:.
सूर्यषष्ठी दिवसे अहम् गांधीतटे गतः, यत्र सहस्रान् जनाः लालनाः, वालवालाः, माता नवजातसह गच्छन्ति स्म.  पक्वानपूरितान्
 वंसनिर्मित् पात्रे जनाः, ललनाः गच्छन्ति स्म, बिना वाहने ये अशोक राजपथात् पंक्तिबदधेस्थितान्. 
* समय के छोड़ दीं, तबहुओ पइसो लागत रहे. एह से हम  हॉस्टले में रहे के सोंचनी. 
हम छठ के दिन गांधी घाट गईनी जहवा हजारो मरद - औरत, लइका - लईकी, जनमतुआ लेले ललना, दउरा लेले लोग जे ठेकुआ, कचवनिया, फल, ऊख , आदि से भरल रहे.  सब लोग पैदले, काहे कि कार -उर लाइन से लागल रहे अशोक राज पथे से.
** Apart from time, money also mattered. Thus I decided to remain in the Hostel itself.
I went to Gandhi Ghat on the Soorya Shashthi Day where 1000s men and women, boys and girls, ladies with kids in their laps went with bamboo-Baskets full of Thekua, Kachawaniyaa, fruits, cane-sugar etc in a row. Everybody was on foot as cars and other vehicles were stopped and lined from Ashok Raj Path itself. **

माता गंगा पूजनपष्चात् अस्ताचलसूर्याराधना पूजा तथा अर्घ्यम् अति मनभावनम् आसीत्. 
तत्पश्चात् सप्तम्यां तिथौ अहम् प्रातः ब्रम्हमुहूर्ते गांधीतटे गतः, तथा ूदीयमानसूर्याय अर्घंम् अति सुन्दरम् दृश्यमपश्यम्.
* गंगा माई के पूजा के बाद अस्ताचल सुरुज बाबा के ठेकुआ, कचवनिया, मिठाई, सेव, गागर निम्बू, नारंगी, ऊख आदि के अरघ देखत खूब नीमन लागल रहे.
अगिला दिन सप्तमी के भोरहीं हम गांधी घाट गइनी, ऊगत सुरुज बाबा के गंगा किनारे छठ के 'अरघ' देखे खातिर. *
** It was so nice looking at the setting Sun being offered ‘Argha’ of various eatables after worshiping and worshiping Mother Ganga.
The next day on Saptamee early in the morning, I went to Gandhi Ghat to witness Pooja and worshiping of the Rising Sun and offering Morning ‘Aragh’. ** 

तदा अहम् शीघ्रम छात्रावासे गतः, त् पाचकप्रव`धक: सूर्यषष्ठीपूजा प्रसाद दातुं कथित:.
यदा अहम् छात्रावासद्वारे गतः, केचन पाचक-वालकाः 4,   5  उच्चचतुस्कान् आच्छादयित्वा पंक्तिवद्धे स्थापित:.  प्रत्येक उच्चचतुष्की पृष्टे अहम् तथा मम सहपाठीस्थित-आसन्.
* तब हम छात्रावास के ओर दौड़नी, काहे कि मेस मैनेजर छठ के प्रसाद देबे के कहले रहन.
जइसहीं हम गेट पहुंचनी, कुछ मेस के लइकन सब 4, 5 टेबुल लाइन से लगा देले रहन स,  नीमन टेबुल क्लौथो ओढ़ा देले रहन . हम हमार सहपाठी हर टेबुल के पीछे खड़ा हो गइनी जा.   *
** After this, I rushed to my Hostel since the Mess Manager had told me for giving Prasad of ChaTh Poojaa.
When I reached the Gate of the Hostel, some Mess-boys has lined up 4, 5 Tables covered with cloths. Myself and some of my mates stood behind each table.  **

साधारणतया सर्वे जनाः केचन षष्ठीपूजाप्रसादम् आश्मान्
 उच्चचतुस्केसु अयच्छन्, अतः शीघ्रमेव 6, 7 चतुस्कान् प्रसादेन
 परिपूर्णI:.   
* लचकत प्रसाद से भरल बांस के दउरा से करीब करीब सब लोग  कुछ प्रसाद, टेबुल डालत जात रहन.
तुरते एक दु मिनटे में टेबुल भरे लागल, दूसर टेबुल लगायाइल. देखते देखते 7, 8 टेबुल छठीमाई के प्रसाद से भर गइले . * 
** The people carrying Bamboo-Baskets full of Prasaadam while going back to their residence used to keep some Prasaadam on to the table.
Soon within a few minutes all the 5 tables got full of Prasadam from ‘the Mother Chath’. **

वयं सूर्यषष्ठी प्रसादम् सर्वे छात्रावासीजनेभ्यः वितरितम्इदं प्रसादवितरणं मध्यम् सदा स्मरणीयम्. 
* हमनी के प्रसाद के हॉस्टल के सब लोगन के बटनी .असहीं हर साल चलत रहल 4 साल तक, जे  हम कबहुँ ना भुलाइब. *  
** We distributed the Prasad to all students and Hostel inmates.
This continued year after the year for 4 years, a memorable day of young- hood!!! **





30. ‘देहरी ऑन-सोन’ सर्वेक्षणम्, डालमिया नगरम् > BCE आयोजितम् BCE Aayojitam Dehri-on-Son Sarvexanam, Dalmiya Nagaram.
> BCE ओर से देहरी ऑन-सोन सर्वे, डालमिया नगर. Survey of Dehri-on-Son, Dalmiya Nagar for BCE. Page 6.52 – 6.58

द्वितीयवर्षे शीतअवकाशपश्चात्, बिहारअभियंत्रण महाविद्यालय: शिक्षा कार्यक्रमे स्मIन् विशेष क्षेत्रस्य सर्वेक्षनम् कर्तुम् ‘देहरी - ऑनसोन’ प्रेषितः, यत्र सैन्यक्षेत्रम् तथा सोनअर्ध-बन्धं आसीत्. 
* सेकण्ड इयर में जाड़ा के देहरी - ऑनसोन छुट्ट के बादबी सी हमनी के शिक्षा के कार्यक्रम के अन्दर देहरी - ऑन - सोन भेज देलस, एगो ख़ास क्षेत्र के सर्वेक्षन करे खातिर, जे में एगो सेना के कन्टोन्मेंटों बैरेजो रहे. *
** During 2nd year after Winter Vacation, BCE sent us to Dehri-on-Sone on an Academic Curriculum on the mission of ‘Carry out the Survey’ of the specified area including small Cantonment and Barrage area. ** 

वयं देहरी-ऑन-सोन पटना-गया-सासाराम-रेलयानेन आगतः तथा एक सुरक्षित क्षेत्रे  तंतुगृहे अतिष्ठं. संध्या वेलायाम् वयं यत्र तत्र गतः, क्षेत्रस्य ज्ञानाय.  
* हमनी के पटना गया सासाराम ट्रेन से देहरी ऑन सोन गईनी जा. एगो सुरक्षित क्षेत्र में टेंट में ठहरनी जा. सांझ के हमनी के एने ओने घुमनी जा क्षेत्र के जानकारी खातिर *
** We went to Dehri-on-Sone by Patna-Gaya Sasaram Train and stayed in the cordoned Camp in tents. We wandered in the evening to aquanta ourselves about the area. **

अहम् प्रथमत: "महासीमांतपथे", यत् अनेकाः "ग्रैंड ट्रंक रोडइति कथ्यन्तेभ्रमनें रतःतदैव अहम् एक गृहद्वारे लेखनम् अपश्यम्:-  “अंतिम एवं प्रथमं  गृहम्”. अंतिम डालमिया नगरात् पश्चिम दिशा गमने, तथा प्रथमं पूर्वदिशायाम् आगमने डालमिया नगरक्षेत्रे. 
* पहिले पहिले हम ग्रैंड ट्रंक रोड घुमत रहीं, पच्छिम के ऒर, जब एगो घर के बाहर नोटिस बोर्ड लागल रहे, जे लिखल रहे:
'पहिला अंतिम घर', डालमिया नगरअंतिम घर पच्छिम के ऒर गइला , ओकरा बादडालमिया नगर क्षेत्र ख़तम', जदी ओने से पुरुब ओर आईं, पहिला घर डालमिया नगर के.  *
** For the first time I was walking along the ‘Grand Trunk Road’ towards West, when I found a board on a house which read: ‘First and the Last House’, Dalmiya Nagar; the last house while going towards the West as after this house, Dalmia Nagar areas ends. But while coming towards the East, this was the First House, one comes across. **

संध्या वेलायाम् अहम् सहपाठीसह देहरी-ऑन-सोन अर्धबन्धे तथा रेलसेतु उपरि गतवन्तः. 
किदृशी लम्बरेलसेतु !!!
* साँझ के हम आपन कुछ साथियन के साथ देहरी-ऑन-सोन बराज रेल पुल गइनी जा, जे ओह घरी भारत के सब से  लमहर पुल रहे  
कइसन लमहर रेल पुल !!! *
** In the evening, I along with some of my mates went to the Dehri-on-Sone Barrage and Raiway Bridge, then one of the longest Rail Bridge of India. 
What a long Rail Bridge!!! **

रेलसेतुसमानांतरे सोन-नद्यां अर्धबंधम् आसीत्, अतः जलसंग्रहमभत्. नदीधाराविपरीतदिशायामस्थात्व दक्षिणहस्ते "आरा कुल्या" तथा वाम पक्षे "गया कुल्या" निष्कसतः.    
 * रेल पुल के समानांतरसोन नदी बैरज  बनल रहे, जे से  पानी जमा भइल रहे. नदी के धारा के उलटा खडा भइला दाहिना ऒर से "आरा नहर", बाया ओर से "गया नहर" निकलल रहे
** Parallel to this Rail Bridge, the Barrage across the River Son was built. On the up-stream of the river water accumulated from the right ‘Arrah Canel’ emerged; and from the opposite side ‘Gaya Canel’. **

प्रातः 7 होरात् संध्या 6 होरापर्यन्तं सर्वेक्षन कार्यं अभवत्, एतत् मध्ये अर्धहोराभोजनावकाशमासीत्.   
* अगिला दिन से 7 बजे भोरे सेबजे सांझ तक सर्वे के काम भइलएही बीच 1.30 से आधा घंटा के भोजन अवकाश रहे. *  
** From next day our Survey work had to start from 7Am to 6PM with half an hour lunch break from 1.30PM. **

प्रातः 7 वादने सर्वेक्षन कार्यं प्रारभात. वयं '66. 6 फ़ीट' लम्ब लौहmudrikaMaapaka: प्राप्तम्, तथा "एकडआर, हेक्टअर" किम इति ज्ञापितं.  
* अगिला दिन भोरे 7 बजे सर्वे सुरु हो गइल. हमनी के 66. 6  फ़ीट के चेन दियाइल बतावल गइल कि एकड    'आर' हेक्टार  का होला *
** Next day early in the Morning at 7AM, the Survey work started. We were provided 66’ long Chain, and explained what an area of an Acre mean, an Are or hectare mean. **

सर्वेक्षन क्षेत्रस्य चतुष्पादमापं तथा सतलमापं कृत्वा, लेखापत्रे लेखांकितम्
 कृत्वा, एक दिवस पश्चात् तेसाम भितरि नानाप्रकारवस्तुन् लेखाचित्रे प्रदर्शितान् यथा:-
पथम्, पादपथम्, वाटिका, विद्यालयः, सैनिकस्थलम्, रिक्तस्थानम्,  नदीततम्, व्यक्तिगतगृहाणि, सेतु, ... सर्वेषाम् स्व स्व चिह्नान् प्रयोगम् कृत्वा.       
* सर्वे करे वाला क्षेत्र के चौहद्दी कंटूर नाप के नकसा दिखा के, दूसरा दिन से हमनी के गृड के भीतरी के काम सुरु कइनी जा, जे में खाका खिचाईल राह, गाछी, विद्यालय, सैनिक छावनी, खाली जगह, नदी किनारा, नहर,  निजी घर,  पुल,   ...  सब के चिन्हन के प्रयोग  के. *
** After drawing the contour, boundary of the area to be surveyed, from next day we started inside grid-work and plotting articles like road, orchard, school, cantonment, barren land, river bank, canel, private houses, bridges ... using respective symbols.  **

रविवारअवकासे वयं डालमिया नगर औद्योगिकक्षेत्रे गतःयत्
 डालमिया-सीमेंट-संयन्त्रायसरकरा-यन्त्राय, वस्त्र-यन्त्राय, वनष्पति यन्त्राय, ... प्रसिद्धम्.   
* इतवार के छुट्टी रहे. हमनी के डालमिया नगर औद्योगिक क्षेत्र ले  जाईल गइल, जे डालमिया सीमेंट संयंत्र, चीनी मिल, कपास मिल, वनस्पति मिल, ...  खातिर प्रसिद्ध रहे. *
** Sunday was a holiday. We were taken to the Dalmiya Nagar Industrial Area which was famous for Dalmia Cement Plant, Sugar Mill, Cotton Mill, Vanaspati Plant, ... **

मम पितृव्यः पंडित वैद्य दामोदर पांडे डालमिया-उद्योग-चिकित्सालये वैद्य दे आसीत्. अहम् तं पादस्पर्शं कृतः.
आशीर्वादपश्चात् स: कथितः, आगच्छ अत्र अभियन्त्रण परीक्षाउत्तीर्णंपश्चात्.    
* हमार चाचा जीपंडित वैद्य दामोदर पांडे डालमिया उद्योग के अस्पताल में वैद्य के पद  रहन.
हम एह अस्पताल में चाचा जी से मिलनी, जे हमरा के आशीर्वाद देलन कहलन कि ४था बरिस पास के  डालमिया नगर आवे के कहलन. *
** My uncle Vadya Shri Damodar Pandey was employed as Vaidya in the Hospital of the Dalmia Industry.
I met my uncle in the Hospital, who blessed me and told to come to Dalmia Nagar after passing 4th Year. **

यथा समये सर्वेक्षनम् कार्यंकृत्वा वयं बी सी , पटना आगतः. 
* नियत समय में हमनी के आपन सर्वे के काम पूरा कइनी जा, बी सी , पटना गइनी जा.  *
** Within stipulated time period, we completed our Survey work and returned to BCE, Patna.
End of Part-6 of Autobiography of
Dr Pt Deo Dutta Sharma. Page 6.58: of 6.58






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