** 15.05.2018
CE, सृ.
15.03.9118.
“10.2 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta
Sharma”
** दशम् भागम् Dasham
Bhaagam, भाग Bhaag-10 Part-10. Page
10.23– 10.63
10.2 ** Autobiography of Dr Pt Deo Dutta
Sharma 10.04.2018 **
0o...m
Om
आत्मकथा Aatmakathaa
देवदत्त
शर्मा Deva Datta Sharmaa
*
देवदत्त शर्मा के आत्मकथा
Deva
Datta Sharma ke Aatmakathaa
सृष्ट्याब्द SrizTyabda: 14.09.1 972 949 116 दिन से लिखल शुरू din se
likhal suru *
देवदत्तशर्मIइहलोकावतरणम्.
ब्रह्माण्डे
इहलोके आकाशगंगायां सूर्यमण्डले पृथिव्याम् भारतवर्षे विहारप्रदेशे भोजपुर-मंडले ज्ञानपुर-ग्रामे आचार्य
पण्डित अम्बिकादत्त शर्मा गृहे
श्रीमती
देवरती देवी गर्भात् 14 अग्रहायण-मासे
सृष्टयाब्द
1 972 949 036 वर्षे द्वितीयपुत्रमवतरितः.
DevaDattaSharmaaIHALOKaAvatara0Iam.
Brahmaa0Ie IHLOKe Sooryama0Iale Prithivyaam YureshiyaaMahaadeshe BhaaraataVarze
BihaaraPradeshe BhojpuraManDale GyaanpuraGraame
AchaaryaPanDitaAmbikaaDattaSharmaaGrihe Shrimati DevaratiDeviGarbhaat
dwiteeyaPutra: jaata:.
* देवदत्त शर्मI के इहलोक मे जनम.
ब्रह्माण्ड के इहलोक के आकाशगंगा के सूर्यमण्डल के पृथ्वी प, यूरेसिया
के भारतवर्ष के विहार प्रदेश के भोजपुर-मंडल के
ज्ञानपुर गIव मे आचार्य पंडित अम्बिकादत्त शर्मा के घरे
श्रीमती देवरती देवी के पेट से
दूसर बेटा के जनम
भइल. *
1.1
प्ररतIवनI Prastaavanaa प्ररतIवनI Initiation
देवदत्तः
विचारयत् केन प्रकारेण एकसामान्य व्यक्ति सतत अथक पूर्णतया सत्याधारित प्रयासेन
स्वदेशाय जनसमुदायाय किं कर्तुम् शक्नोति,
सत्यपथे
कानि कंटकानि दर्शयति अत्र.
**
Deo Dutta decided to produce his Autobiography to depict what an ordinary
person can do for the Motherland, Society and Mankind by dedicated non-ending
efforts following the path of truth.
It
also throws light on the hurdles on the
Path
of Truth.
Deo
Dutta is fortunate to be born in
"The
House of Vedas and Ayurveda"
as
the Second son of
Acharya
Pt Ambika Datta Sharma & Shrimati Devarati Devi, a literate-learned person
from whom he inherited enormous Knowledge:
Theoretical
as well as Practical, following the path of Truth for the good of all beings,
living and non-living. **
आचार्य अम्बिकादत्त शर्मा एवं
बुद्धिमति
श्रीमती देवरती देवी द्वितीय
पुत्ररूपेण
"वेदIयुर्वेदगृहे" जात:, तथा तेन अतुलनीयज्ञानं प्राप्त:
व्हुजनहिताय.
प्राचीन–अर्वाचीन-ज्ञानसह डॉ पण्डित
देवदत्त शर्मा अमुल्यज्ञानम् जनहिताय, तेषाम् संवर्धनाय कार्यम् कर्तुमिच्छति.
**
Having a blend of Ancient Classical and
Modern
Knowledge
Dr
Pt Deo Dutta Sharma
has
acquired enormous knowledge which he likes to share to Mankind as a Whole for
the good of all. **
10.2. दशम् भागम् Dasham Bhaagam, भाग Bhaag–10 Part- 10 Page
10.26– 10.29
41.
शिवमन्दिर पुनर्स्थापनम् ShivaMandiraPunaraSthaapanam
शिव मंदिर के फेरु से
स्थापना Shiva Mandir ke feru se Sthaapanaa
Transplanting the Shiva Temple in a nearby village.
Page
10.26– 10.29
दुर्गापुर इस्पात संयन्त्रस्य 1.6
Mtpa सम्वर्धनाय उष्णवायुभ्रष्ट सं. 4 स्थापनम् आवश्यकं
तथा रेलपथपरिवर्तनं च.
* दी. एस. पी. के 1.6 Mtpa संवर्धन खातिर
धमन भट्ठी सं. 4 लगावे के रहे, जेकरा खातिर रेललाइन में बदलाव जरूरी रहे.
*
**
For the construction of 1.6 Mtpa Expansion of DSP, Blast Furnace No. 4 was to
be installed for which Rail-track’s layout had to be modified. **
रेलपथपरिवर्तनाय मुख्य समस्या आसीत् एक प्राचीन शिव मन्दिरम.
शिवमंदिर विस्थापन विना, रेलपथे सुंदर परिवर्तनं न सम्भवम्.
रेललाइन में बदलाव में` ख़ास समस्या रहे
एगो पुराण शिव मंदिर, जेकरा के हटवले बिना नीमन रेललाइन बिछावल संभव ना
रहे.
** The main problem for the modification of the tracks was the
presence of an old temple of Lord Shiva. Unless this temple was shifted, it was
not possible to nicely modify the tracks. **
पूर्वं एकदा शिव मंदिर भग्नाय प्रयासम् कृतः. एक सरदार-बुल्डोजरचालकः एतत् कार्यं कर्तुं स्वीकृतः. यदा 4, 5 ईस्टान उपरि कृतः, अनेकाः नागाः प्रत्यागतवन्तः. एकं डोज़रे च आगतः, अतः बुलडोज़रचालकः पलायतः डोजरम त्यक्त्वा. सर्वे दर्शकाः 'हर हर महादेव जपनं’ प्रारभतवन्तः.
* एह जगह के लोगन के जब एगो नियरे के गांव में विस्थापित कइल गइल रहे, त एह मंदिर के इहई जइसे के तइसे छोड़ दियाइल रहे.
बाद में एकबेर एह मंदिर के तोड़े के कोशिश कइल गइल रहे, जेकरा खातिर एगो सरदार बुलडोज़र ड्रIवर रहे, बाकिर जसहीं ऊ कुछ ईटा उखडलस, कि 4,
5 सांप निकलले स. एगो गेंहुअन सांप त डोज़रे प चड़ गइल. भगलन सरदार जी जान बचा के. सब लोग हर हर महादेव के स्तुति करे लगलन. *
** In past when the villagers were relocated in a nearby place,
the temple was left un touched. Later, an attempt was made to dismantle the
temple. When the Bulldozer driven by a Sardar driver tried to dismantle the
temple, lot of snakes including Cobras emerged and a few even jumped up to the
Dozar. The Sardar Driver left to save his life. Since no Hindu was ready to
dismantle the temple, the Sardar Bulldozer driver was used. However, the
earlier attempt to dismantle the Shiv Temple had failed. **
* शिव मंदिरेन, GLT अनुभाम समस्यायासीत्, अतः ते साप्तIहिक-मेलने सर्वेषां संमुखे शिव मंदिर समस्यां कठितवन्तः. यदा अहम् श्री शिव मंदिरम् विस्थापनप्रस्तावितः, सर्वे स्तब्धमभवन्. तदैव एकजन:
उपरिलिखितकथाम्
कथित:.
अहम्
कथित;, मंदिर भंजनं न कदापि करनीयम्.
परन्तु
मया मात्र शास्त्र
विधि-अनुसारेण "शिव मंदिरम्" विस्थापनाय कथितम्.
शिव मंदिर के चलते रेललाइन के विस्तार के
समस्या GLT सेक्सन सब के सामने रखलन, त हमार शिव मंदिर के
विस्थापन सलाह प, सब लोग चुप!!
फेरू केहू ऊपर लिखल कहानी सुनवलन.
हम कहनी कि हमार सुझाव मंदिर के विस्थापन
के रहे शास्त्रीय विधि से, मदिर तोड़ल त महापाप ह. एह प
सबलोग सहमत होगइलन.
**
The GLT General
Layout & Transport Section, CEDB, Durgapur was facing great difficulty due
to the presence of the Shiv Temple.
When the GLT Section posed the problem in
the monthly coordination meeting, I said to shift the temple to make a nice
layout.
This was opposed by all, sighting the
above story.
I explained that we are not going to
dismantle the temple, but either shift it, or ‘Relocate the Shiv Temple properly,
carefully, nicely following ‘Shasytreeya vidhi’ to a near by village. **
सी.इ.डी.बी, ‘दुर्गापुर इस्पात संयंत्र’ तथा ग्रामवासीसह वार्तायाम् कथित: यत् संयन्त्रे यत् "शिव मंदिरम्" अस्ति, तं ग्रामे स्थापितुमिच्छति.
एतत् श्रुत्वा ग्रामवासिन: आनंदविभोरमभवन्. ते
कथितवन्तः यत् इदं तेषां हार्दीकमिच्छा.
CEDB, DSP आ गाँव वालन के साथ एगो
मीटिंग भइल जे में ई कहल गइल कि प्लांट के भीतर के "{शिव
मंदिर" के उनका गाँव में`स्थापित करे के प्रस्ताव बा.
ई सुन के गाँव बासियन के खुसी के ठिकाना
ना रहे; ऊ लोग कहलन कि ई त ढेर दिनन से चाहत रहन.
** A meeting was organized between CEDB, DSP, and The Villagers,
in which it was told that the ‘Shiva Temple’ is proposed to be relocated in the
village, the villagers became very happy. **
निश्चितदिवसे पंडितजनाः आगच्छन्, ये शास्त्रीयरूपे शिव मंदिरम् विस्थापनाय कार्यं कृतवन्तः, तत् पश्चात् मंदिरम् इस्पातासने उत्तोलनयंत्रेण आरोहित्वा द्वे ट्रकवाहनयोः स्थापितं तथा जी. टी-पथे तत् ग्रामे नीत्वा विधिपूर्वकम् स्थापना कृतवन्तः.
* सब कुछुओ डी.एस.पी ओसहीं कैलस जइसन CEDB
कहले रहे.
नियत दिन के विधि से पण्डित लोग मंदिर के स्टील फ्रेम प करेन से चढ़ा के दू ट्रक प चढ़ा के जी.टी. रोड से गाँव ले जाईल गइल, आ ऊहा विधि से मंदिर के स्थापना क डियाइल. *
** On the stipulated day, some Pandits were called to perform thr
related Shastreey process to relocate the temple. The District Authority had
already agreed to keep clear the GT Road off traffic, so that the the ‘Shiv
Temple’ loaded on 2 number of 10 wheel trucks could pass nicely unhindered.
The
whole process was well organized by DSP, as explained by CEDB. **
न कुत्र एकमपि सर्पः आसीत्.
* एको सांप कहउ ना देखल गइल. *
** Not a single snake appeared, or observed on its location. **
42.
जीवनस्य प्रथमं महत्त्वपूर्ण पाठं जिनगी के पहिला बढ़ पाठ:-
Life’s
1st Important Lesson:
उष्णवायु
भष्ट्र धमन भट्ठी स. < ४ दुर्गा < ३ कमला <
२ शारदा < १ कस्तूरबा. Blast
Furnce No. 4 Durgaa < 3. Kamalaa < 2. Saradaa
< 1. Kasturbaa. Page
10.30– 10.40
दुर्गापुर इस्पात संयंत्रस्य प्रथम् उष्णवायु भष्ट्रस्य नाम आसीत् कस्तूरबा या महात्मा गांधी महोदयस्य धर्मपत्नी, द्वितीयस्य शारदा, तृतीयस्य कमला जवाहरलाल नेहरू महोदयस्य पत्नी आसीत्, मम प्रस्तावानुसारेन चतुर्थ
उष्णवायु
भष्ट्रस्य नाम 'दुर्गा', सर्वेषाम् माता अभवत्.
डी.एस.पी के पहिला धमन भट्ठी के नाव रखाईल कस्तूरबा, जे महात्मा गांधी के धर्मपत्नी रही, दूसर के नाव रखाइल शारदा जे स्वामी विवेकानंद के गुरुमाई रही, तीसर के नाव रखाइल कमला, जवाहरलाल नेहरू के पत्नी, आ अब हमरा सुझाव के अनुसार चउठा धमन भट्ठी के नाव रखाइल 'दुर्गा', सब के माई.
** The 1st Blast Furnace
of DSP was named after Kasturba, wife of Mahatma Gandhi, 2nd BF
was named Sharda, Gurumata of Swami Vivekanand, 3rd BF was
named Kamala, wife of Jawaharlal Nehru and the 4th Blast
Furnace as proposed by the Author was named ‘Durga’, the mother of all of us
had to be installed in ‘Durgapur’.**
श्री अयंगरIधीने अहम् कार्यकर्तुम् प्रारभतम्.
उष्णवायु
भष्ट्र स.2 लघुघण्टायाः परिवर्तनकरणीयं.
*श्री अयंगर, धमन भट्ठी फोरमैन के अंदर काम करे लगनी.
धमन भट्ठी सं 2 के छोटका घण्टा के बदले के रहे. *
** I started working under Mr Ayangar, the Foreman of Blast
Furnaces. BF No.2, the Top-Bell was to be changed. **
यदा अहम् ऊपरि गतः, श्री अयंगर: मम परिचयम् कैप्टन पी के बनर्जी, मुख्य अभियंता सह कृतवान्.
.
सः कथितवान्, "पश्यतु कार्यान्, यत् भवIन् अश्माकं सलाहकारप्रतिनिधि.
* जब हम धमन भट्ठी के ऊपर गइनी, त श्री अयंगर हमार परिचय कैप्टन पी के बनर्जी से करवलन.
ऊ कहलन, "काम देखीं, रउआ हमनीके सलाहकार के ओर से बानी. *
** When I went to the Furnace top, Mr Ayangar introduced me to
Cap. PK Banargee, Chief Engineer, Mantenance of DSP. He said, “Observe the
operation as you are representing our Consultant.” **
* अहम् अपश्यम्, 20 जनाः कार्यरते आसन्
विभिन्नतले. 8 - 9 जनाः 50 नट - बोल्ट 25 से मी व्यासः अनाबद्धने रताः. सर्वे 50 नट बोल्ट बन्धनान् आसन् 5 उपक्रमे.
हम देखनी कि 20 लोग,
नट - बोल्ट खोले में लागल रहन, आ कुल 5 धारी में रहंस
** I was observing. About 20 persons
were working at different levels. The 8-9 persons were opening a series of
bolts of (1+1/4) in. dia. over 50 numbers. There were 5-Series of nut-bolt
sets.**
**
After opening all the bolts, the ‘top part’ of the Top-gear was to be lifted by
the crane. But I got a doubt about the Series of bolts opened; as studied last
night in the BF Archive.
Without
losing time, I said Mr Ayangar my doubt, who in turn announced, “Stop all
operations, look what this young Engineer is telling.” **
**
I rushed to the Archives and brought the concerned drawing. My doubt was
correct.
Capt
Banarjee announced that further operation will start tomorrow 6 am.
He
congratulated me to save a disaster, and said the senior engineers, “Gentle
men, had the operation been continued, the crane itself would have been broken
breaking many parts and or injuring many.”**
जीवनस्य
प्रथमं महत्त्वपूर्ण पाठं जिनगी के पहिला बढ़ पाठ:-
Life’s
1st Important Lesson:
यदा किंचितशुभं भवति मम सम्मुखे, यश्मिन् अहमपि सम्मीलितम्, तदा अहम् अवश्यमेव मम विचारप्रदर्शनम् करिष्यामः.
* जदि हमरा सामने कुछ गलत काम होत होखे,
त हम आपन विचार जरूर देब. *
**
“When something goes wrong infront of me, particularly when I am involved, I
would always clearly express my views.” **
‘केंद्रीय अभियंत्रण अभिकल्पन संभाग', दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, स्थानीय कार्यालयम् 16 लक्ष टन संबर्धनाय उत्तरदायी आसीत् यत्र अभिकल्पन, आधारभूत-अभियंत्रण, तकनीकी-आर्थिक निर्धारणम्, सामग्री-संयंत्रक्रयम्, निर्माण-स्थापन-निरीक्षनं, परिचालनम्, संचालनम्, निम्नलिखितईकाइनाम:-
1. लौहअयस्क-सामगीन मेलन-भंडारण प्रांगणम्
2. उष्णवायुभष्ट्र स्वयं
3. ऊर्जा वायुदाबन स्थलम्
4. गैस प्रक्षालन संयन्त्रम्
5. सूकरीकरणयंत्रम्
6. लौह अयस्क सम्बर्धन संयंत्रम्.
* सी ई डी बी :धमन भट्ठी अनुभाग"
डी एस पी स्थानीय आफिस उत्तरदायी रहे डी एस पी के 16 लाख टन संवर्धन खातिर जे में:
स्पेसिफिकेशन, प्लांट आ सामग्रियन के खरीदी, निर्माण आ स्थापन के निरीक्षन, जांच आ चालु कइल आ उदघाटन, धमन भट्ठी उपक्रम के नीचे के सब इकाइयन के:
1. कच्चामाल के मेलन आ भंडारण प्रांगण
2 धमन भट्ठी अपने
3 पावर ब्लोविंग स्थान
4 बी ऍफ़ गैस सफाई संयंत्र
5 सूकर ढलाई मशीन.
6. लौह अयस्क सिंटरिंग संयंत्र. *
** CEDB ‘Blast Furnace Section’, DSP Site Office was responsible
for Design, Basic Engineering and Preparation of Tecno-Commercial
Specifications, Procurement of Plant & Engineering, Supervision of
Construction & Erection, Trials, Testing & Commissioning of the
following units of the
Blast Furnace Complex:
1. Raw
Material Blending and Storage Yard.
2. Blast
Furnace Proper: Blast Furnace No.4
3. Power
Blowing Station.
4. BF
Gas Cleaning Plant.
5. Pig
Casting Machine.
6. Sintering Plant: 1st Time in India **
केचन अन्य विशिष्ट वार्ताः निम्ने प्रदर्शितान्:-
* कुछ औरु विशेष बात नीचे देल जाता:- *
** Some of the other specific features
of
CEDB ‘BF Section’ are given below:**
(a)
भारते सर्वप्रथमं उष्णवायुभष्ट्र-रेखा अभिकल्पन्
सृ. 9063 वर्षे कृतवन्तौ:-
वी. गंगाराव:, ‘सहायक अभिकल्पन् अभियंता’ एवं
देव दत्त शर्मा, ‘स्नातक अभियंता’ महोदयाभ्याम्,
श्री
चंद्र नाथ मुखर्जी, ‘अभिकल्पन् अभियंता’ निरीक्षने.
* ( क ) भारत में सृ. 9063 बरिस में धमन भट्ठी के लाइन के डिजाइन करे वाला पहिला दु लोग भइलन:
वी. गंगाराव:, ‘सहायक अभिकल्पन अभियंता’ एवं
देव दत्त शर्मा, ‘स्नातक अभियंता’,
जे
श्री चंद्र नाथ मुखर्जी, ‘अभिकल्पन अभियंता’
के निरीक्षन में भइल.*
** Design of the
‘Lines of Blast Furnace No.4’ was done first time in India in 1963 by:
V. Gangarao,
Astt. Design Engineer, and
Deo Dutta
Sharma, Graduate Engineer under the supervision of
Shri Chandra
Nath Mukherjea, Design Engineer. **
(b)
धमन
भट्ठी संख्या 4:- हेडवरिट्सन, बर्तानिया मुख्य निर्माणकर्ता, हर्थक्षेत्रे कारवन उत्तरीयम प्रस्तावितः, तथा ‘उष्णवायुभष्ट्रअनुभागः’ स्वीकृत:.
* धमन भट्ठी संख्या 4:- हेडवरिट्सन, बर्तानिया मुख्य निर्माणकर्ता,हर्थ में कारवन लाइनिंग प्रस्तावित कइलस, जेकरा के उष्णवायुभष्ट्रअनुभाग’ स्वीकृत कइलस. *
** Blast Furnace
No. 4: Provision of Carbon / Graphite ling first time in India was proposed by:
Ms
Headwrightson, UK, Main Contractor and Builder of the Blast Furnace.
(c) भारते सर्वप्रथमं उष्णवायुभष्ट्रस्य जलबुन्देभ्यः गर्भशीतलीकरणम अभवत्.
धमन भट्ठी के हर्थ के जलफुहारा से ठंढा कइल > भारत में सब से पहिले भइल.
Spray Cooling
System of hearth of the Blast Furnace > 1st Time for any
Blast Furnace in India.
(d) विस्तृत "अयस^कादि मेलन-भंडारण-प्रांगणम" सर्वप्रथमं भारते अभवत्, यत्र स्वचालित रेलयानपलटकयन्त्रं, बीटलयन्त्रं एवं मेलकप्रयोगमभवत्.
* विस्तृत "कच्चामाल मेलन आ भंडारण प्रांगण" भारत में पहिले पहल बनल जे में स्वचालित रलडब्बा पलटक, बीटल आ मेलक के प्रयोग भइल *
laborate “Raw
Material Blending &Storage Yard” 1st Time in India with
Automatic Wagon Tippler, Beetle Trippers and Blender etc.
(e) सुकरकरण-यन्त्रं 'पिग-कास्टिंग मसीन'
Pig Dhalaai Maseen Pig Casting Machine.
रांची स्थित 'भारी उद्योग निगमेन' पूर्णतया निर्मित एवं स्थापितं सर्व प्रथमं एतत् कार्यमासीत्.
* रांची के ''भारी उद्योग निगम' के ई पहिला काम रहे 'निर्माण स्थापन आ संचालन” खातिर.
** Fully
manufactured and built and Installed by HEC: Heavy Engineering Corporation,
Ranchi being their 1st such Turnkey work order. **
एकदा अहम् उष्णवायु
भष्ट्र संख्या 4, स्थापन निरीक्षने आसम् यदा वृहद्घन्टास्थापनकार्यं प्रगतिशीलम् आसीत्, यस्य "हेडराइटसन, यू के, मुख्य अनुबन्धकस्य उपIनुबन्धक: आसीत् "ब्रिज आ रूफ:."
* एक दिन हम धमन भट्ठी संख्या 4 के स्थापन के निरीक्षन प रहीं भट्ठी के ऊपर, जब बड़का घंटा लगावल जात रहे ; "हेडराइटसन, यू के, मुख्य अनुबन्धक के उपअनुबन्धक रहे "ब्रिज आ रूफ:"
** One day I was on the supervision
of the Installation of the Blast Furnace No. 4 at the Furnace Top when Big-Bell
Installation was in progress. Bridge & Roof was the sub-contractor of M/s
Headwrightson, UK.**
अहम् श्री होम, रहवासी अभियंता, हेडराइटसन, यू. के., तथा श्री बसु उपभियंता 'ब्रिज आ रूफ' सह आसम्
अस्थायीस्थले यत्र 8 निपुण कार्यकर्तां च आसन्.
.
* हम एगो अस्थाइ स्थापन खातिर बनावल प्लेटफार्म प् खड़ा रहीं श्री होम के साथ. जे M/s HW UK के रहबासी अभियंता रहन, श्री बासु,उपभियंता रहन 'ब्रिज आ रूफ' के 8 रिग्गार आ फिट्टर *
** I was standing on the temporary erection-platform with Mr
Home, Resident Engineer M/s HW UK, Mr Basu Astt Engineer, B
& R, and 8 Riggers and Fitters. **
* अहम् न अति आह्लादितं यत्किंचिदभवत् तत्र, तदापि श्री होम महोदयस्य इदं कार्यं 27 म् , 'ब्रिज आ रूफ' च अनुभवी आसीत्.
अतः अहम् विचारितम् इदं सामान्यम्.
अतः अहम् वहिः आगच्छम्.
*जे देखनी ऊ नीमन ना लागल, बाकिर होम ई 27वां धमन भट्ठी रहे, आ ब्रिज- आ-रूफों अनुभवी रहे,
एह से हम सोंचनी की ई काम असहीं होत होइ. तब हम बहरी आ गइनी.
*
** I was not
very happy with the way, the erection of the Big-Bell was being done. However,
since for Mr Home this was the 23rd Blast Furnace and B & R
was also reputed. Thus I thought that was their normal way.
However, I
decided to come out. **
यदा अहम् उत्थापक-तले आगच्छम्, भयानकध्वनि अभवत्. अहम् आकरणगृहतले धावन् आगच्छम्, भ्रष्टे दृष्ट्वा स्तब्धं. वृहद्घंटा नीचैः आगतः, 15
अंगुलिपट्दन्ड: मात्र तंतु समं दृष्टः.
जैसही`हम लिफ्ट तल प अइनी, त एगो भयानक धमाका भइल.
हम 'कास्ट हॉउस' तल प दौड़नी सीढ़ी से, आ भीतरी देखनी, त होश उड़ गइल. ओह! बडका घंटा हर्थ प आ गइल, 10 इंच व्यास के रॉड एगो पातर तार जइसन टेढ़ मेढ़ हो गइल रहे. *
**
No sooner I came near the elevator level, there was a big thud!
I
Rushed down to the Cast House Floor by stairs and peeped incide the
Furnace. Oh! The Big Bell has come down on the hearth, the 10 in. dia BB-Rod
had bent like a wire.**
* यदा अहम् भ्रष्ट-भीतरी अपश्यन् आसम्, तदैव होम महोदयः मम पृष्टे आगच्छत् तथा बसु महोदयः च. सः तथा डीएसपी आरक्षिं सूचितवन्तः.
हाय! सर्वे 8 'ब्रिज एवं रूफ' निपुणकार्यकर्ताः हताः !!
परीक्षण कर्तुम् मया 8-वारेसु भ्रष्टोपरी-नीचैः गमनं कर्तव्यं.
तत्पश्चात् अहम् सर्वदा कथितं, यदि किंचित् असामाण्यमभवत्.
हम झांकते रहीं, कि होम महोदय आ बसु जी पीठ प
आगइलन. होम महोदय आ डीएसपी, राज्य आरक्षी के बुलवले.
सब आठो रिग्गर आ फिट^टर जान से हाँथ धोअले.
Ekaraa baad ham har dam, ham kawano khataraa ke aabhaas pa kabahee` cup
naa rahani. *
** While I was
still peeping, Mr Home and Mr Basu joined me. We immediately decided to
stop all erection activity and leave the thing as it was. Mr Home eye were
completely red. He and DSP informed the State Police.
All the 8
riggers and fitters of Bridge & Roof lost their lives. I had to go 8 times to
Furnace top and down to the skip bottom level for the sake
of verification.
After this
incidence, I always spoke against any suspected dangerous work. **
42.1
सुकरकरण-संयन्त्रं 'Sookaraakara0Ia
Sanyantram' 'पिग-कास्टिंग
मसीन' Pig Dhalaai Maseen Pig Casting Machine. Page 10.41 – 10.41
द्विगुणित् 'सूकर-करण-यंत्रम् ', 'भारी-अभियंत्रण-निगमस्य' प्रथमं एतत् कार्यम् आसीत्.
* दू धारी पीसीएम, 'पिग कास्टिंग मशीन', एच ई सी खातिर बड़ा महत्वपूर्ण रहे, काहेकि ई उनकर पहिला टर्नकी आर्डर रहे. *
** The 2-Strand
Pig Casting Machine, PCM was prestigious for M/s HEC, this being their 1st Turnkey
Manufacture and Supply work order. **
एतत् सूकरकरणयंत्रस्य अभियंत्रणम् शाघ्यम् आसीत्. वयं निर्माणनिरीक्षणे उद्यतः भारी उदोज्ञनिगमे.
* एह पीसीएम के डिजाइन खूब नीमन रहे; हमनी के एह मशीन के निर्माण प बड़ा सावधान रहीं जा जेकर निर्माण एचएमबीपी, रांची करत रहे. *
** The design of the PCM was
excellent being of Soviet Design. We were alert in the supervision of
manufacture of the PCM by HMBP: ‘Heavy Machine Bulding Plant’.
The PCM worked fine.**
43.
उत्पादसामग्रीमेलनसंचयप्रांगणम्
UtpaadaSaamagriMelanaSancayaPraanga0Iam.
कच्चा माल के आ लौह-अयस्क
के भंडारण प्रांगण. Kacca Maal aa Lauha Ayaska
ke Meraawal Bhandaaran,
“Raw Material Blending & Storage
Yard”, RMBSY.
Page
10.42– 10.48
ईदृशी उत्पादसामग्री-मेलन-संचय-प्रांगणं भारते सर्वप्रथमं आसीत्, यत्र स्वचालित द्विपंख-स्थापकौ तथा संग्राहकः आसन् उत्पादसामग्री-मेलनाय.
* भारत में अइसन "कच्चामाल मेलन भंडारण प्रांगण"
सब से पहिला बनल, जहां चुरा-लोहा, चूना आदि के स्वचालित दुपंखी-गिरावे-वाला आ उठावेवाला मशीन लगावल गइल रहे. *
** This “Raw
Material Blending & Storage Yard” was the 1st such
Iron Ore and flux blending yard in India where automatic ‘Twin Wing Stacker’
and ‘Reclaimer’ for blending the raw materials were use. **
अपरं च, द्वे स्वचालित रेलसामग्रीवाहनपलटनयानौ रेलमार्ग-बीटलसह आस्तां, यत्र इंफ्रा-रक्तकिरणयन्त्राण आसन्. निर्धारित स्थाने स्थापनाय.
सर्वे ४-चादरानि आसन् लौह-अयस्काय तथा २ चादरे चुना तथा डोलोमाइट,
Mn-अयस^क-जन्य आसन्.
* अउरु, २ - स्वचालित रेलसामग्रीपलटनयान, लाइने प चलेवाला बीटल सब, इंफ्रा-किरण वाला वैगन स्थापक रहन स.
सब मिला के 4 बेड चूरा-लोहा-अयस्क आ 2 बेड चूरा-चुना, डोलोमाइट आ Mn-ओर खातिर रहे. *
** In addition 2 Ahutomatic
Wagon Tipplers wit Beetles and Infra-red Ray spotters were used for
automatic shunting of the Goods-Train and spotting of the wagons.
In total there were 4 beds of Iron Ore and 2 for flux like Lime
Stone, Dolomight, Mn-Ore etc. **
बर्तानिया एवं ''दुर्गापुर इस्पात संयंत्र'' अभियंता: स्वचालित ‘रेलयान-पलटण-यंत्र`
यथा स्थले यानं स्थापितुम अशफला:.
तदा कैप्ट पी के बनर्जी, मुख्य अभियंता, “दुर्गापुर इस्पात संयन्त्रम्, स्व सलाहकारम् CEDB अनुरोम् कृत: सहायता जन्य.
श्री देवदत्त शर्मा समस्या समाधानाय नियुक्तः.
बर्तानिया आ 'दुर्गापुर इस्पात संयंत्र' के अभियंता माल-गाड़ियन के डबा के सही स्थान प रखे में जब असफल होगइले, त कैप्टन पी के बनर्जी, संयंत्र के मुख्य अभियंता,
CEDB से एह समस्या के समाधान करे खातिर अनुरोध कइलन.
CEDB श्री देवदत्त शर्मा के एह समस्या के समाधान खातिर नियुक्त कइलस.
** The British
and DSP Engineers could not make the automatic placement of wagons at the
‘Wagon Tipllers’.
Capt P K
Banerjee, Chief Engineer, DSP requested CEDB to help them in this respect. Mr
Deo Dutta Sharma was deputed to solve the problem.**
यदा अहम् प्रांगणे गत:, 30 -40 भारतीय तथा 2 बर्तानिया अभियन्ताः समस्या समाधानाय परिश्रमं कुर्वन्ति स्म. श्री पी के बनर्जी मां कथितवान्, "स्वचालित रूपे रेलयाणं नियतस्थले स्थापन-समस्या समाधानं कुरुत.”
जब हम
RMBSY गइनी, त देखनी कि 2 बर्तानवी अभियंता समस्या के समाधान करे खातिर जुझत रहन. श्री पी के बनर्जी हमारा से कहलन, "माल गाड़ी के डब्बा के स्वचालित यन्त्र से नियत स्थल प् ले के रखे के समस्या के समाधान करीं
** When I
reached the site, I saw about 30-40 Indian Engineers and 2 British Engineers
were struggling to solve the problem.
Mr PK Banerjee
told me to solve the problem of automatic placement of wagons at the Tippler.**
अहम् श्री टामं कथितं, यः बर्तानिया अभियन्ता आसीत्, "कथयताम् किम् किम् कार्यं कृतवान् भवन्तऊ."
तयोः एकः कथित:, "संभवतया इंफ्रा-रेड-यंत्रः सुचारु-कार्यं न करोति."
सः पुनः कथित:, "बीटलाः सुन्दर-कार्यं` कुर्वन्ति."
अहम् तु आश्चर्यचकितम्, 'बीटलं' श्रुत्वा. ईदृशी तप्त-शुष्क-स्थले बीटलाः कुत्रात् आगताः !
अत्र बीटलान् किं करिष्यन्ति !!
अहम् तु धान्यक्षेत्रे बीटलगानं श्रुतः !!!
अतः अहम् श्री टामं कथितं, "मया बीटलं दर्शनीयम्."
सः रेलयान निकटे आगत्य नीत्वा कथित:, 'पश्यतां बीटलं"
*
हम श्री टॉम के कहनी, जे बर्तानिया के इंजीनीयर रहन, कि अब ले का कइल गइल बा, ऊ बताईं ;
उनका में से एगो सब बता के कहलन कि लागता, "इंफ्रा -रेड-डीभाईस' ठीक काम नइखे करत.
ऊ कहलन, "बीटल ठींके काम करतारे स"
हम त अकचका गइनी 'बीटल' के सुन के, अब अइसन सुखल आ गरम जगह में बीटल कहाँ से आ गइल!
इहवा` अब बीटल के का काम!!
हम त धान के खेतन में बीटल के गान सुनले रहीं !!!
एह से हम श्री टॉम से पूछनी, "हमरा के बीटल देखे दीं"
ऊ हमरा के डब्बा के पास ले जा के निहुर के कहलन, "देखीं बीटल" *
** I said to Mr
Tom, British Engineer to describe what they have done so far. One of them
narrated the operation, and concluded that the ‘Infrared device most probably
is not working.
They said: “The
beetles were Ok.”
I got surprised
to hear about ‘beetle’, where from beetles can come in such a dry and hot
place!
What has a
beetle to do here!! I had heard nice singing of beetles in paddy fields.
Thus, I asked Mr
Tom, “Let me see the beetles.”
He took me to a
wagon and kneeled down and said, “Look at the Beetle.” **
अहम् बीटलं अपश्यम् यत् रेलयान-नीचैः आसीत्, यस्य 8 चक्रान् रेलोपरिचलन्ति स्म, तथा यानचक्रान् चालयन्ति स्म, येन यानाः चलन्ति स्म.
अहम् बीटलं वहिः रेलोपरि आनयितुं कथित:, तथा कथितं यानविना पुनः पुनः तं चालनाय.
* हम बीटल के देखनी जे डब्बा के नीचे रहे, जेकर 8 पहिया रेले प चलत रहन स, जे डब्बा के पहियन के चलावत रहन स, जे से डब्बा सब चलत रहन स.
हम बीटल के डब्बा से बहरी ले आ के ओकरा असहीं बिना लोड के ढेर बेर चल चलावे के कहनी. *
** I saw ‘the beetle’ under the wagon, which were to roll over the
track and were supposed to pull behind the wagon wheels to move the wagon.
I told to take the beetle out on the track and told them to
reapetedly demonstrate their working on no load to check them.**
अहम् अपश्यम् यत् बीटलं सुचारु रूपे कार्यं न करोति स्म. तस्य केचन चक्रम् यदा कदा कार्य अवरुद्धमभवत्.
अतः अहम् तं कथितं, सर्वत्र स्नेहलेपनकर्तुम्, तत्पश्चात् चालयितुं,
यदा सर्वे चक्रान् सुन्दररूपेकार्यशीलान्.
तत्पश्चात् रेलयानसह कार्यं कारणीयम्.
कैप्टन पी के बनर्जी:- महाशय! करोतु यत् अश्माकं सलाहकारः कथितवान्.
तदा स: मह्यं धन्यवादम् कृत्वा गतवान्.
श्वः अहम् अत्रैव आगत्य अपश्यम् यत् सर्वे यन्त्राः सुन्दररूपे स्व स्व कार्यनिष्पादनम् कुर्वन्ति स्म. .
* हम देखनी कि बीटल नीक ना चलत रहे, कबहीं ओकर पहिया पूरा खुलते रहे, एह से हम उनका के कहनी कि नीमन से ग्रीज लगाइ जे से ओकर पहिया सब स्मूथली खुले, फेरु लोड प चलाईं.
कॅप्टन पी के बनर्जी कहलन, "महाशय, वही कीजिये जो हमारे सलाहकार कहते हैं."
कॅप्टन बनर्जी हमरा के धन्यवाद कहलन, अइसन आसान सलाह खातिर
अगिला दिन भोरे हम सीधे RMBSY अइनी, त देखनी कि सब कुछ अच्छा करत रहे. *
**This beetle operation was erratic. I told them to grease them
well to make the beetle wheels open smoothly,
and then try them on load.
Capt Banerjee said, “Gentlemen! Do whatever our consultants
said.”
Capt Banerjee thanked me for the nice suggestion. Next morning, I
came straight to the RMBSY, and found that the Wagon placements were very
smooth and the Beetles were working well. **
सर्वसामग्री पट्टी-चालक-उपक्रमेण उत्पादसामग्री-मेलन-
संचय-प्रI`गणात् ऊष्णभ्रष्ट्र-उच्च-रेल-गृहे
स्वचालित भारमापक यंत्रैः प्रेसिताः.
* सब सामग्री बेल्ट कंभेयर से RMBSY से धमन भट्ठी के हाई-लाइन तक जात रहे, स्वचालित भारमापकन के सहायता से. *
** All the material was transported by Belt
Conveyor System from RMBSY to High Line of the
Blast Furnaces with automatic weighing System. **
**
All the material was transported by Belt Conveyer System from RMBSY
to High Line of the Blast Furnaces with automatic weighing System. **
44.
लौहIयसकसंवर्धनसंयन्त्रम्,
LauhaAyaskaSamvardhanaSanyantram,
'Lauha Ayaska 'SinTaring
PlaanT',
Iron-Ore Sinter Plant. Page
10.49– 10.52
लौहIयसकसंवर्धनसंयन्त्रम्:-
* लोहा पत्थर सिन्टर प्लांट.*
** Iron-Ore Sintering Plant: **
"दुर्गापुर इस्पात
संयन्त्र-आधारभूत अभिकल्पन" काले उत्पादसामग्रीमेलनसंचयप्रांगणाय तथा "लौह-अयस्कसम्बर्धन-संयंत्रIय"
स्थले पूर्वमेव निर्धारितम्.
* दुर्गापुर स्टील प्लांट के अंग्रेज डिजाइनर लोग 'कच्चा
माल के आ लौह-अयस्क के भंडारण प्रांगण' आ 'लोहा पत्थर सिन्टर प्लांट' खातिर जगह पहिलहीं छोड देले रहन प्लांट के खाका खींचे के
बेरु:*
** The
British designers of Durgapur Steel Plant had foreseen the provision of an
‘Iron Ore Sintering Plant’ and ‘Raw Material Blending & Storage Yard’ for
which the spaces were left while deciding the Layout of the plant. **
"केंद्रीय
अभिकल्पन अभियंत्रण कार्यालयस्य" कार्यमासीत् > "दुर्गापुर इस्पात
संयन्त्रस्य" 1. 6 Mtpa संवर्धनम्,
तथा
"धमन भट्ठी
अनुभागस्य" कार्येषु:-
उत्पादसामग्रीमेलनसंचयप्रांगणम्,
"लौह अयस्कसम्बर्धनसंयंत्र",
“उष्णवायुभ्रष्ट्र
संख्या 4" स्थापनमासीत्.
* CEDB (हिनदुस्तान
स्टील ltd के, जे अब SAIL आ MECON बनल बा) ऊहे "दुर्गापुर इस्पात
संयंत्र" के 1. 6 Mtpa संवर्धन के काम करे के उत्तरदायित्व रहे,
जेकर 'धमन भट्ठी अनुभाग ' के काम रहे:-
RMBSY, सिंटरिंग प्लांट, धमन भट्ठी स. 4 के स्थापना के *
** CEDB (of HSL: Hindustan Steel Ltd now
SAIL: ‘Steel Authority of India) now MECON was responsible for the 1.6 Mtpa
Expansion of ‘Durgapur Steel Plant’.
Blast Furnace Section, CEDB was
responsible for the installation of:
Elaborate RMBSY, ‘Sintering Plant’ and
Blast Furnace No. 4 of DSP. **
"लौहअयस्कसम्बर्धनसंयंत्र " द्विधारी
आसीत् यस्य
भ्रष्टभागम् स्वचालितम् आसीत्,
स्वचालित पदार्थमापनयंत्राण आसन्. चुना-डोलो-चूर्णकरण यन्त्राण,
मेलन-वेलन, सम्वर्धितलौहअयस्क-चालनगृहम् द्वे चालने सह आसन्.
* दुधारी सिंटरिंग प्लांट रहे जेकर हर्थ स्वचालित रहे, कच्चामाल के स्वचालित मापन यन्त्र रहन स, चूनापत्थर आ डोलोमाइट चूड़ाकरणयन्त्र,
मेलन -वेलन, 2 सिन्टर-चलनी रहंन स. *
** ‘Iron-Ore Sinter Plant’ was foreseen to
have 2 Stands with automatic ignition of the Heart, Automatic Raw Material
Dosing System, Flux Crushing House, Mixing Drums, Sinter Screening House with 2
Screens. **
सम्वर्धितलौहअयस्कस्य चालनम् भवति उष्णवायुभ्रष्ट्रगन्तुं पूर्वं. उच्छृष्टसम्वर्धितलौहअयस्क पुनः गच्छति सम्वर्धनाय.
धमन भट्ठी में` भेजे से पहिले सिन्टर के चालल जाला, चूरा सिन्टर के फेरु
सिन्टर प्लांट भेज देल जाला.
**
The Iron Ore Sinter was screened in the BF High Lines before charging into the
skips. The Sinter Return Fines were transported to the Sintering Plant. **
“
लौहअयस्कसम्बर्धनसंयंत्र आधारभूत अभियंत्रणम्
"केंद्रीय अभिकल्पन अभियंत्रण कार्यालयेन"
सम्पादितं, आज्ञापितं साइमन कार्व, वर्तानिया पदार्थप्रदानाय, निर्माणाय, सर्वरूपे संचालनाय च.
एतत् लौहअयस्कसम्बर्धनसंयंत्र भारते सर्वप्रथमं दुर्गापूरे निर्मितम्.
* सिन्टर प्लांट के आधारभूत अभियंत्रण त CEDB कइलस आ मशीन सप्लाई, निर्माण आ कमिसनिंग आदि सब काम के ऑर्डर साइमन कार्भ^स, इंग्लॅण्ड के दिआइल.
अइसन सिन्टर प्लांट भारत में सब से पहिले दुर्गापुर में बनल Sri: 9066-70 में. *
**
Basic Engineering of the ‘Sintering Plant’ was prepared by CEDB, and M/s Symon
Carves, UK was awarded the order for the Construction, Supply and Installation
of the Plant & Equipment and Commissioning of the ‘Iron Ore Sintering Plant’
on Turnkey Basis.
This
‘Iron Ore Sintering Plant’ was the 1st such plant in India in
1966-70CE **
45.
DSP उष्णवायु-भष्ट्र
उपक्रमस्य 1.6 Mtpa संवर्धनं सम्पूर्णम् Upakramasya 1.6 Mtpa Samvardhanam
SampoorNam
DSP ke धमन भट्ठी
उपक्रम के 1.6 Mtpa संवर्धन पूरा Dhaman BhatThee Upakram ke 1.6 Mtpa Samvardhan
Pooraa.
Completion of 1.6 Mtpa Expansion of DSP: BF-
Complex.
Page
10.53 –10.56
"दुर्गापुर इस्पात संयंत्रे' उष्णवायु-भष्ट्र-उपक्रमे निम्न लिखितान् स`भागान् आसन्:-
1.
पट्टीचालकानि,
2.
रेलयान-उच्च भण्डारकानि,
3.
स्कीपगृहम् वृहत-लघु-घंट-उत्तोलकानि,
4.
वायु ऊष्णकारकानि,
5.
उष्णवायुभ्रष्ट्र संख्या
4,
6.
आकारणगृहम्,
7.
धुलसङ्ग्राहकम्,
8.
घूर्णगैस-प्रक्षालक:,
9.
विद्युतधुलसङ्ग्राहकानि,
10. मृदासंग्राहकानि
,
11.
जलशीतकानि,
12. विद्युतगृह-वायुदाबकानि,
13. तरल-लौह
तथा तरल-उपलाव-रेलारोहितपात्रानि, तथा
14. सूकरीकरण
यन्त्रम्.
* धमन भट्ठी संयंत्र में नीचे लिखल उपकरण आ विभाग बाड़े
स:
1. बेल्ट कन्वेयर,
2. रेलगाड़ी से उझलेवाला हाई-लाईन बंकर,
3. स्किप हाउस बिग-बेल आ स्माल -बेल्ल होएस्ट के साथ,
4. गर्म हवा के स्टोव सब, चेकर -ईंट
साथ,
5. धमन भट्ठी संख्या 4,
6. डस्ट- कैचर,
7. घूर्ण गैस क्लीनर,
8. गैस क्लीनिंग संयंत्र,
9. इ इस पी,
10. थिकेनर,
11. जलसीतक उपक्रम,
12. बिजली घर आ वाहुदाबकयंत्र,
13. हॉट-मेटल आ स्लैग लैडल सब ,
14.अलगे पिग कास्टिंग मशीन
*
** in DSP
Blast furnace Complex following main parts were foreseen:
1.
Belt Conveyers System
2.
Wagon fed High-Line Bunkers,
3.
Skip-house with Big and Small Bell hoists,
4.
Hot Blast Stoves with Ceremic liners and Octagonal
Checker-Work,
5.
Blast Furnace No.4
6.
Cast House,
7.
Dust Catcher,
8.
Centrifugal Gas Cleaner,
9.
Gas Cleaning Plant
10.
ESP: Electrostatic Precipitators,
11.
Thickeners,
12.
Water-cooling System with Cooling Towers,
13.
Power and Blowing Station.
14.
Hot Metal and Slag ladles,
15.
Separate Double Strand Pig Casting Machine.**
उष्णवायु भ्रष्टस्य सुरक्षीत-कार्यकरणे द्वे विषयमहत्त्वपूर्णe:-
1. जलशीतकउपक्रमं,
येन भ्रष्टः शीतलम् सुरक्षितम् भवति.
2.
भ्रष्टस्य तापनिरोधकम्.
**
For a Blast Furnace safe working, 2 things are essential:
1. Water
cooling system to keep the Furnace cool.
2. Refractory
lining of the Furnace.
संचालनकाले, जलशीतकउपक्रमस्य
वर्तानियात् प्रदत्त-जलोत्तोलकानि सुचाररूपे
कार्यशीलानि.
परन्तु
द्वे जल-अनामिकात् जलोत्प्लावन प्रारभत, अत्यधिक जलप्रवाहेन.
मया
दृष्टं यत्, अनामिकाद्वहि: जलगमन-नलिकाव्यासम् न्यूनम्.
सर्वे
नलिकापरिवर्तनम् दुष्करम् तथा अतिव्यय-समय-शीलम्.
अहम्वर्तानिया-अभियन्ताम्
एकजलदुह^यक-स्थापनाय कथितम्.
तत्पश्चात् शीतलजलप्रवाहसामान्यमभवत्.
जल उपक्रम ट्रायल के बेर धमन भट्ठी के चारो और के रिंग से पानी कम निकलला से, पानी उपटे लागल चारो ओर से.
अंग्रेजी इंजीनियर त घबड़ा गइले, काहे की रिंग से
निकास नली के व्यास 350
mm रहे, बहुत कम.
पूरा पाइप बदले में ढेर समय आ खर्चा होत रहे ;
एह सुझाव से पाइप के नीचे एगो सक्सन पम्प लगा दियाव.
एकरा बाद जल उपक्रम नीमन काम करे लागल.
During
the trial run of the cooling system supplied by M/s Headwrightson, the water
supply pumps etc were working well. However, the two ring trough
started overflowing due to excess water rush.
When
I checked, I found that the diameters of about 350 long outlet piping were
small. I suggested to M/s Headwrightson install a suction pump to solve the
problem. Then the system worked well. **
अनेकाः अन्य उपयोगि कार्यपाश्चात् सर्व-उपक्रमानि सुचारु-रूपे कार्यशीलानि अभवन्.
* अउरु अनेक सुझाव देनी, एह से सब उपक्रम नीमन काम करे लागल.
**
Many other suggestions were given and the same were implemented to make the
system work well. **
45.1 दुर्गापूरे देवदत्तeन पर्यावरणे
आर्थिकरूपे विशेष कार्यं दुर्गापुर में देवदत्त शर्मा के पर्यावरण आ
कमाई के विशेष काम Special Suggestions of Deo Dutta Sharma on
Environment with Earnings Page 10.57
–10.60
भारतस्य अधिकांश वृहत इस्पात संयंत्र निकटे "उष्णवायुभ्रष्ट्र उत्प्लावितमृदा" पर्वतान् दृश्यन्ति. देवदत्तः न कदापि एतत् दृश्यम् द्रष्टुमिच्छत्.
अतः सः दुर्गापुर इस्पात संयन्त्रम् कथित: यत् "उष्णवायुभ्रष्ट्र तरल-उत्प्लावितमृदा", संयंत्र तटे एव विक्रयकरणीयं, येन न केवल-पर्यावरणसोभायमानः अभवत्, तथा धनप्राप्तिम् च अभवत्.
* भारत के अधिकांश बड़ इस्पात संयन्त्रन के पास स्लैग
के पहाड़ खड़ा रहेला, जे ढेर दूरे से लउकेला. देवदत्त शर्मा के ई एकदमे नीमन ना लागत
रहे.
एह से, ऊ "पिघलले ब्लास्ट
फर्नेस स्लैग" के संयंत्र के छड़किये प बेंचे के सुझाव देलन
दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के. *
**
Near most integrated steel plants in India, series of slag
mountains
are observed from far distance. This was not liked by Deo Dutta Sharma.
Thus,
he proposed for selling of the “Molten Blast Furnace Slag” at the boundary of
the plant. **
वायुभ्रष्ट्रद्रवितमृदा दुर्गापुर संयंत्र वहिः विक्रयजन्य सविदा आमंत्रितः, यत्र सः वायुभ्रष्ट्रद्रवितमृदा-कनककृत्वा तत्रैव "बी एफ स्लैग सीमेंट" उत्पादन संयन्त्रम् स्थापयिष्यति.
अत्र एक-बिरला कंपनी सफलमभवत्.
* ‘पिघलल बी.एफ. स्लैग' के डी. एस. पी.
के घेरा प बेंचे खातिर सविदा देल गइल. सफल कंपनी के घेरा से सटले
"बी. एफ. स्लैग सीमेंट" बनावे के कारखाना लगावे के रहे.
एह में एगो बिरला कंपनी सफल भइल. *
** Offers were invited for the sale of “Molten Blast Furnace Slag”
at the boundary of DSP. Just outside DSP boundary, the success full purchaser
of the “Molten Blast Furnace Slag” could install a ‘BF Slag Granulation Plant’
for making “BF Slag Cement”.
The
successful purchaser was a Birla Concern. **
अतः
दुर्गापुर इस्पात संयंतं न केवलं उष्णबायुभ्रष्ट्र द्रवितमृदा क्षेपणात्
वरि,
तथा
मुद्रार्जनम् च कृतः, पर्वतम् तु गतमेव.
देवदत्तस्य इदं अंतिम् कार्यं दुर्गापूरे.
* अब दुर्गापुर इस्पात संयंतं के पिघलल बी एफ स्लैग के टिपपलिंग से छुटकारा मिलल , बलुक स्लैग के पहाड़ों ख़तम आ ऊपर से धन कमाई.
ई देवदत्त शर्मा के दुर्गापुर के अंतिम काम रहे. *
**
Thus DSP was not only successful in avoiding tipping of molten BF-slag
making heaps and mountains, but earning some money by selling Molten BF Slag.
This
was the final work of Deo Dutta Sharma, Asst. Design Engineer at DSP Site
office of CEDB, HSL. **
45.2 दुर्गापुर-विशेष-दिवसम् Durgapur-Visheza-divasaan दुर्गापुर के विशेष दिन Durgapur ke Vishesha din Memorable
Days of Durgapur: Page
10.62 –10.64
अस्माकम् दुर्गापुर दिवसान सदा स्मरणीयम्, यत्र सर्वे सामाजिकम् तथा मैत्रीपूर्वकम् निवसन्.
* दुर्गापुर के दिन हमनी के हरदम इयाद रही, पच्छिम बंगाल के मिलनसार आ अति सामाजिक लोगन से मिलल आ साथ बितावल समय भुलाले ना भुलाई*
**
Durgapur Days are memorable for me and for my Mother and wife. We enjoyed the
companies of highly social and friendly people of West Bengal. **
वयं दुर्गापुर-मनोरंजनगृह-निकटे ए- क्षेत्रे निवासम् अति सुंदरमासीत्. अस्माकं बी - क्षेत्रे निवास अधिकमभवत् सुंदरम् च, यत्र आवयोः द्वे पुत्रौ जातः.
* हमनी के दुर्गापुर क्लब के निअरे A-जोन में रहल बड़ा नीक लागल,
हमनी के बी-जोन में बड़ा मजा में ढेर दिनन तक रहनी जा, जहँवा हमनी के गुरुकृपा से २ पुत्र अइलन *
**
Our stay in A-Zone near Durgapur Club was quite enjoyable. We stayed in B-Zone
for long nicely, where we were blessed with two sons with Gurukripa. **
"केन्द्रीय अभिकल्पन् अभियंत्रण कार्यालय", दुर्गापूरे सर्वे कार्यकर्ताः परिवारसमं आसन्, ये भारतस्य विभिन्न स्थानात् आगतवन्तः तथा सुखदुखसहभागी आसन्.
* CEDB
दुर्गापुर आफिस में` सब कार्यकर्ता लोग एगो परिवार जइसन रहत रहन, जे भारत के अलग अलग भागन के रहन बाकी रहन सुख दुख के साथी. *
**
In CEDB Durgapur Site Office all employees were living like a family who were
coming from the different states of ndia, sharing joys and sorrows.
**
दुर्गापूर-वनम् च अति मनभावनमासीत, यत्र प्रकृति गह्वरे अति मनभावन-मनोरंजन-स्थला` आसन्.
* दुर्गापुर के घनघोर जंगल में हमनी के खूब मंगल मनवनी जा, प्रकृति के गोदी में बइठ के. *
**
Durgapur forest was also cherished, having nice picnic spots in the lap of the
Nature. **
मम माता, देवरती देवी, सनातनी आसीत्, परन्तु सा श्रीमती / श्री पी वी मथाई महोदयस्य गृहम्, भैंसागृहं, अल्पाहारम् च श्लाघ्यम् आसीत्, यत् सा साक्षर - विदुषी आसीत्.
* हमार माँई, देवरती देवी, एगो कट्टर सनातनी रही, बाकिर उनका श्रीमती / श्री पी वी मथाई, एगो पक्का इशाई के घर, रसोई घर आ अल्पाहार बड़ा नीमन लागल; काहे कि ऊ एगो साक्षर विदुषी रही. *
**My mother was a strict Sanatani, but liked the company of Mrs /
Mr PV Mathai, a Christian, their house, kitchen, snacks etc. as she was a
literate learned person.**
के पठन्ति:- “आत्मकथा देवदत्त
शर्मा Aatmakathaa Deva Datta Sharmaa”:-
भारत:, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, इंडोनेसिया, पाकिस्तान:, रूस:,
केनिया, बांग्लादेश:, आंग्लदेशः (इंग्लॅण्ड,),
नदरदेशः (नदरलैंड),
सऊदी अरबिया आदि
के पढ़ेला: “देवदत्त शर्मा के
आत्मकथा Deva Datta Sharma ke Aatmakathaa”:
भारत, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, इंडोनेसिया, पाकिस्तान, रूस, केनिया,
बांग्लादेश, इंग्लॅण्ड, नदरलैंड, सऊदी अरबिया आदि
Who
reads: “Autobiography of Deo Dutta Sharma”:
India,
USA, Indonesiya, Pakistan, Russia, Keniya, Bangladesh, UK, Netherlands, Saudi
Arabia etc.
इति 10म् भागम् भाग–10 ख़तम
The
End of Part–10.
No comments:
Post a Comment