Thursday, 16 August 2018

** 15.08.2018 CE, सृ. 17.05.9118. “12.2 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma” ** द्वादशभागं Dwaadasha Bhaagam भाग Bhaag -12 Part-12.


** 15.08.2018 CE,  सृ. 17.05.9118.
“12.2 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma”
** द्वादशभागं Dwaadasha Bhaagam
     भाग Bhaag -12 Part-12. Page 12.01– 12.94

12.2 ** Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma 15.08.2018 **
                                                         Page 12.19– 12.
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 आत्मकथा Aatmakathaa
देवदत्त शर्मा Deva Datta Sharmaa

* देवदत्त शर्मा के आत्मकथा
Deva Datta Sharma ke Aatmakathaa
सृष्ट्याब्द SrizTyabda: 14.09.1 972 949 116 दिन से लिखल शुरू din se likhal suru *

 देवदत्तशर्मIइहलोकावतरणम्.
ब्रह्माण्डे इहलोके आकाशगंगायां सूर्यमण्डले पृथिव्याम् भारतवर्षे विहारप्रदेशे भोजपुर-मंडले ज्ञानपुर-ग्रामे आचार्य पण्डित अम्बिकादत्त शर्मा गृहे
श्रीमती देवरती देवी गर्भात् 14 अग्रहायण-मासे
सृष्टयाब्द 1 972 949 036 वर्षे द्वितीयपुत्रमवतरितः.
 
DevaDattaSharmaaIHALOKaAvatara0Iam. Brahmaa0Ie IHLOKe Sooryama0Iale Prithivyaam YureshiyaaMahaadeshe BhaaraataVarze BihaaraPradeshe BhojpuraManDale GyaanpuraGraame AchaaryaPanDitaAmbikaaDattaSharmaaGrihe Shrimati DevaratiDeviGarbhaat dwiteeyaPutra: jaata:.

* देवदत्त शर्मI के इहलोक मे जनम.
ब्रह्माण्ड के इहलोक के आकाशगंगा के  सूर्यमण्डल के  पृथ्वी यूरेसिया के भारतवर्ष के विहार प्रदेश के भोजपुर-मंडल के ज्ञानपुर गIव मे आचार्य पंडित अम्बिकादत्त शर्मा के घरे श्रीमती देवरती देवी के पेट से
दूसर बेटा के जनम भइल*


1.1 प्ररतIवनI Prastaavanaa प्ररतIवनI Initiation

देवदत्तः विचारयत् केन प्रकारेण एकसामान्य व्यक्ति सतत अथक पूर्णतया सत्याधारित प्रयासेन स्वदेशाय जनसमुदायाय किं कर्तुम् शक्नोति,
सत्यपथे कानि कंटकानि दर्शयति अत्र.

** Deo Dutta decided to produce his Autobiography to depict what an ordinary person can do for the Motherland, Society and Mankind by dedicated non-ending efforts following the path of truth.
It also throws light on the hurdles on the
Path of Truth.

Deo Dutta is fortunate to be born in
"The House of Vedas and Ayurveda"
as the Second son of
Acharya Pt Ambika Datta Sharma & Shrimati Devarati Devi, a literate-learned person from whom he inherited enormous Knowledge:
Theoretical as well as Practical, following the path of Truth for the good of all beings, living and non-living. **

 आचार्य अम्बिकादत्त शर्मा एवं
          बुद्धिमति श्रीमती देवरती देवी द्वितीय
पुत्ररूपेण "वेदIयुर्वेदगृहे" जात:, तथा तेन अतुलनीयज्ञानं प्राप्त: व्हुजनहिताय. 
प्राचीन–अर्वाचीन-ज्ञानसह डॉ पण्डित देवदत्त शर्मा अमुल्यज्ञानम् जनहिताय, तेषाम् संवर्धनाय कार्यम् कर्तुमिच्छति.  

** Having a blend of Ancient Classical and
Modern Knowledge
Dr Pt Deo Dutta Sharma
has acquired enormous knowledge which he likes to share to Mankind as a Whole for the good of all. **



                          
51.  टी पी ई / जिप्रोमेज, यू. एस. एस. आर, मस्कवा, रूस, सोवियतसंघे प्रत्यारोपणम्. 3200 m3 उष्णवायु-भष्ट्र-अभियंत्रण, tathaa 2000 m3 भिलाई 7म् उष्णवायु-भष्ट्र उपकरण निरीक्षनजन्य 9077 वर्षे. TPE / GIPROMEZ, USSR, Moskwaa, RusaSovietaSanghe Pratyaaropa0Iam. 3200 m3 UzNaVaayuBrazTra AbhiyantraNa eva` 2000m3 UzNaVaayuBrazTra UpakaraNaNireexa0IaJanya 9077 Varze.
टी पी / जिप्रोमेज़, मोस्कवारूसयू. एस. एस.आर सोवियत संघ में डेप्यूटेसन भइल 3200 m3 धमन भट्ठी डिजाइन भिलाई 2000 m3 धमन भट्टी के उपकरण के निरीक्ण खातिर
TPE / GIPROMEZ, USSR, Moskwaa, Rus, Soviet Sangha me` 9077 me` DepuTesan bhail, 3200 m3 Dhaman BhatThi Dizaain aa 2000m3 Dhaman BhatThee ke Upakaran nireexan khaatir.
Deputation to TPE / GIPROMEZ, Moscow, Russia, USSR in 1977 for 3200m3 BF Design and Inspection of Equipment for 2000 m3 Bhilai 7th Blast Furnace.            Page 12.22 – 12.22




51,1. माता पक्षाघाते, स्वस्थमभवत् 
Maataa Paxaaghaate, Parantu Shvasthyamabhavat
माई के लकवा मरलस, बाकिर ठीक हो गइली  
Maai ke Lakawaa Maralas, baakir uu Theek ho gaily.
Mother got Paralyzed but Recovered:  Page 12.23–12.31

भिलाई "द्वितीय लौहअयस्कसंवर्धन संयंत्रम्"  परयोजना सफलसम्पन्नं कृत्वा, "बी.ए.स.पी परिवर्तित 4.2 Mtpa संवर्धन DPR" स्वीकृति पश्चात्, दे. द. शर्मा "सप्त` उष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रम" नेता रूपे, एतत् परियोजनाया` कार्यकर्तुम् इच्छत्.      

* भिलाई "दुसरका सिन्टर प्लांट" प्रोजेक्ट सफलता  से पूरा कइला के बाद आ "बी एस पी के परिवर्तित 4.2 Mtpa DPR के संवर्धन" के स्वीकृति के बादडी डी शर्मा "सप्तम धमन भट्ठी उपक्रम" के नेता के चलते, एह काम के शुरू करे के चाहत रहन. 

** After successful completion of Bhilai “Second Sintering Plant” and getting approval of “Revised 4.2 Mtpa Expansion of BSP DPR”, as the leader for the Installation of the “7th Blast Furnace Complex”, DD Sharma wished to go for the same.**

एकदा यदा अहम् कार्यालये अगच्छं, तदैव दूरसंचारेण अहम् ज्ञातं यत मम माता अस्वस्थः. अहम् तदैव गृहे आगच्छम् तथा दृष्टं अनेकाः जनाः तत्र. ममगृहनिकटस्थ डॉ पाल चौधरी स्व मित्र सह तत्रैव आसीत्.  
* एक दिन जसही आफिस पहुचनी त हमार एगो  पड़ोसी के फोन से पता लागल कि माई के तबीयत बड़ा खराब बा; 
उलटे पाँव हम घरे ऐनी त लोगन के भीड़ लागल रहे, जे में डॉ मिसेस पाल चौधरी आ उनकर एगो दोस्त रही.*  

अहम् ज्ञातं यत् माता सतत हसति अर्धहोरात्. तदैव अहम् अनायासम् उच्चस्वरे कथितं, "चुप".
तदैव तस्याः हास्यमवरुद्धं.
डॉ पाल चौधरी स्तब्धाः, सा अर्ध होराया` यत् कर्तुम् असमर्थः, तत् अहम् क्षने कृतं. तदैव मुख्यऔषधालये गन्तुं सा वाहनमे माताआनयितुं कथिता. 

** One day no sooner than I reached my office in Ispat Bhawan, Bhilai; I received a telephone from my residence as my mother was serious.
When I reached my residence, many neighbors including Dr Mrs Pal chaudhuri and one of her colleague were present. My mother was laughing, laughing, and laughing since about half an hour, which could not be stopped till then.” **


हम देखनी कि माई लगातार आधा घंटा से हँसते बॉडी, ई सुनते हम जोर से माई के दतनी जिनगी में पहिले पहिले,  दुनो डॉ स्तब्ध, जे काम ऊ लोग आधा घंटा में ना क सकलन, ऊ डी डी शर्मा कइलन 5 सेकण्ड में; ई ह आयुर्वेद के त्राटक के कमाल.*

** “I realized the seriousness, and the first time in my life I shouted almost scolded on her. Immediately her laughter got stopped. We had a sigh of relief.
Dr Mrs Palchaudhury took my mother on her car to BSP   General Hospital along with me and my wife.”
The Casualty Doctor immediately examined her and said, “She was alright.” **

चिकित्सकः ता` निरीक्षनं कृत्वा कथित: "सा स्वस्थ्यः."
अहम् कथितं, "सा पक्षाघाते अस्ति."
स: पुनः परीक्षनपश्चात् कथित:, "सा स्वस्थ्यः"
तदा अहम् डॉ विश्वनाथनम् परामर्षाय कथितं. अहम् ज्ञातं यत् माता सतत हसति अर्धहोरात्. अहम् ज्ञातं सा पक्षाघाते.
डॉ पाल चौधरी स्तब्धाः, सा अर्ध होराया` यत् कर्तुम् असमर्थः, तत् अहम् क्षने कृतं. तदैव सा वाहनमे माताआनयितुं कथिता मुख्यऔषधालये गन्तुं. 

* डॉ पाल चौधरी जल्दी से माई के ले के जनरल अस्पताल पंहुचाली ; जांच सुरु आ एमरजेंसी डॉ  कहलन कि, "सब कुछ ठीक है"
हम कहनी कि, "डॉ इनको लकवा मारा है. " 
डॉ औरु जांच क के कहलन, "नहीं, ई पैरालाइज नइख ी "
हम कहनी कि, "जदि नइखी पैरालाइज्ड, त लकवा मारी".

   ** The Doctor was well experienced.
Still I was not happy, and said, “Doctor! She is suffering from paralysis.
He again examined, and said, “She is quite right.”
I said, “If she is not paralyzed, she is going to be paralyzed.”
I then requested the Doctor to call Dr Viswanathan, who was the Sr. most Medical Doctor.**

डॉ विश्वनाथन: निरीक्षन पश्चात् कथितवान्, "सा रात्रौ 1 तथा 1-16 वादने पक्षाघातेन पीड़िता भविष्यति. स: सूचिका-औषधम् दातुं लिखति, पक्षाघातपश्चात्."
अहम् कथित:, "सा न कदापि पाश्चात्य औषधि प्राप्तः."
तदा  सः  सूचिका-औषधिम् पूर्वं, निरीक्षन-सूचिका दातुं लेखितवान्. 

* काम सीनियर डॉ विश्वनाथन के बुलावे के कहनी, त ऊ जांच क के कहलन कि, "इनको रात 1  बजे से 1 - 15 को पैरालिटिक स्ट्रोक आएगा, मै इंजेक्शन लिख देता हूँ जो स्ट्रोक आने के बाद दिया जाएगा, जिस से जल्दी रिकउभरीं होगा"
हम कहानी कि, "डॉ  ई आज   तक कोई   अंगरेजी दवाई नइखी ले ले."
डॉ जी कहलन कि, "एगो टेस्ट के बाद ख़ास इंजेक्शन देबे के लाल से लिख देतारन." *

** He did accordingly. Soon Dr Viswanathan came and examined her. He said to me, “You are right. She is going to get a paralytic attack between 1am and 1-15 am. Nothing can be done now. As soon as attack occurred, an injection is to be entertained, due to which she will recover soon.”
   What an expertise!! So precise prediction!!!
Still, I said to him, “Doctor! She has not taken any Allopathic  Medicine in her life.”**

चिकित्सकः रक्त-कलमेन लिखितवान् कि` करणीयं के सुचिकौषधिदातु` पूर्वं. माता औषधालये महिला कक्षे, रीता च. अहम् प्रकोष्ठे.  

* डॉ हमार बात समझ गइलन, आ ऊ लाल पेन से लिख देलन कि इंजेक्शन से पहिले टेस्ट कइल जाय. माई के भर्ती होगईल, महिला वार्ड में` गइली आ ओहिजे रीता हमार पत्नी चल गइली. हम केबिन में रहीं.* 

** The Doctor understood me, and with red pen wrote that she should be provided a test first, before entertaining the main injection. She was admitted in the hospital, lady’s Ward.
I was staying in a cabin allotted to me; my wife remained in the ward. **

रात्रौ एक वादन-पूर्वं अहम् महिला भवन-सम्मुखे गतः, तदा अपश्यम् यत् मम पत्नी रीता समीपे आगत्वा कथिता, "माता स्व अंगान् नोचयति, तथा वदने रक्ताभान् दृश्यन्ते."

* पौने एक बजे रात, महिला वार्ड के सामने के वरन्दा प गइनी, त रीता हमरा पास आ के कहली कि, "जल्दी आईं, माई आपन पूरा देह - हाथ नोचतारी, आ सगरो लाल - लाल चकत्ता हो गइल बा."     

** At Quarter to one, I went in the verandah near the Ladies Ward. Soon I saw my wife coming to me. She said, “Come, mother is scratching her body, and lot of colored patches has appeared on her body.**

अहम् कार्यरत सुश्रुतकर्त्री तथा गृह-च्कित्सक निकटे गत्वा  कथितः, "चिकीत्सक महोदयः कि` भवान् केचन सूचीकौषधि` मम मातर` दत्तः?"    

सः कथितः, "आम्."  
अहम् पुनः कथित:, "सूचीकौषधि पूर्वं कि` भवान् मम मातर` औषधि-परीक्षनं कृतः ?"
सः कथितवान्, "एतत् परीक्षनं अनावश्यकम्. "
अहम् कथितः, "पश्यतां एतत् रूग्ण-पुस्तिकाया` कि` लिखित` रक्त-कलमे? कि` भवान् विश्वनाथनात् वरिष्ठ-चिकित्सक़ात  अधिक-ज्ञानी ?
अधुना दूरभासेन पृष्टतु अस्य विपरीतौषधिम "
सः तथैव कृतवान्. विपरीतौषधि` प्राप्त्वा माता शान्ति प्राप्तः.

* हम सीधा हाउस सर्जन आ कार्यरत सेविका-भगिनी सिस्टर के पास गइनी आ  पूछनी, "डॉ क्या आपने इन्हे कोई इंजेक्शन दिया है?" 
ऊ कहलन, "जी."
हम पुछनी कि, "क्या इंजेक्शन देबे से पहिले आपने टेस्ट किया था?"
ऊ कहलन, "एकर कवनो जरूरी ना रहे."  
हम कहनी कि मरीज़ के फ़ाइल खोलिए. " 
हम कहनी कि, "देखिये लाल से क्या लिखा है, क्या आप डॉ विश्वनाथन से ज्यादा जानकार हैं?"  
हम अउरी कहानी, "कृपा क के डॉ विश्वनाथन को फोन कर के एंटी-डोट पता करें."
ऊ सब क के ऐंटी-डोट के जन्जेक्सन देलन माई के, त उनका कुछ शान्ति मिलल. *

** I went to the House Surgeon and Duty Nurse and asked, “Dr have you entertained some injection to my mother?”
He said, ”Yes.”
I asked, “Did you made a test, before injecting?”
He replied, “Such test is not required.”
I said to him, “Please, open the patients file.”
I said, “Please look at, what has been written in red, are you more knowledgeable than Dr Viswanathan?”
I added, “Please, call Dr Viswanathan and ask the anti-dote.”
He did accordingly. **

सप्ताहांते मम माता औषधालयात बहिः आगता, परन्तु अहम् डॉ जॉन महोदयं अनुरोध` कृतः, मम गृहे आगमनाय मातर` व्यायाया` कारयितुं र120 प्रति दिवस शुल^के, यत् अधुना
ऱ 850 प्रति दिवस` भवति. 

* करीब एक सप्ताह बाद माई के अस्पताल से छुट्टी मिलल, हम डॉ   जॉन से कहानी की ऊ माई के फिजियो थेरेपी खातिर हमारा घरे आ जास उनकर फीस 120 ऱ /दिन प, ऊ मान गईलन.*   

** After a week, my mother was discharged from the Hospital, but I requested Dr John to come to my residence for entertaining the exercise at a charge of R 120 / day, USD 12 / d or R 850 / day. **

* मम अग्रजा भगिनी, वैद्या सावित्री देवी शर्मा मातरं द्रष्टुं आगता. डॉ जॉन ता` सहयोग - विषये वार्ताः करोति स्म. साप्ताहांते सः कथितवान्, "ज्येष्ठा भगिनी ते सर्वे करोति यत् अहम् चिन्तितः, अतः मम आगमनं निरर्थकम्.”  
यदा अहम् तस्य शुल्क` अपृच्छम्, सः कथितवान्, “न किंचित, यत् अहम् प्राप्तं, तदेव अधिकम्.”
 हमार दीदी, माई के देखे खातिर आइल रही. डॉ जॉन दीदी से योग प बात करत रहत रहन. 
एक सप्ताह बाद डॉ जॉन कहलन कि ऊ जे चाहत रहन, ऊ सब त दीदी करते बाडी, एह से अब उनकर आइल जरूरी नइखे. 
जब हम फीस पूछनी, त ऊ कहलन, "कुछुओ ना, हम जतना पवनी रउआ लोगन से, ऊहे बहुत बा."    
  
** My sister, Vaidya Savitri Devi Sharma had come to see the mother. Dr John used to talk to my sister on Yoga. After about a week he said, “Didi is already doing what I thought, thus my further visit is not needed,”
When I asked him about his fees, he said, “Nothing, I received much more than I gave to you.”     
Soon my mother recovered and started walking about daily.**


     
          





51.2 ‘कलियुगात् सतयुगे Kalayugaat Satayuge’ ‘कलियुग से सतयुग में’ ‘Kaliyug se Satyug me`’ “Black Era to Truth Era”. 
                                     Page 12.32- 12.37
एकदा डॉ बी एन मजूमदार:, मु. अ. 'उष्णवायु भ्रस्ट्र एवं लौहअयस्कसंवर्धणसंयन्त्रमेकन, रांची कथितवान्, "भवान् मास्को, रुस दशे, सोवियत संघे गमनीयं एक-वर्षाय, 3200 m3 उष्णवायुभ्रस्ट्रअभिकल्पनाय तथा सप्तम् उष्णवायुभ्रस्ट्र-उपकरणानां निरीक्षानाय.”  

* डॉ बी एन मजूमदार, मु. अ. "धमन भट्ठी सिंटरिंग प्लांट", मेकन रांची एक दिन हमरा से कहलन, "आपको मास्को, रूस, यु. एस. एस. आर. जाना है: 3200 m3 धमन भट्ठी के डिजाइन के दीक्षा, भिलाई 7th धमन भट्ठी के उपकरणन के निरीक्षन के लिए करीब 1 बरिश खातिर.” *

** Dr BN Mojoomder, CE ‘Blast Furnace and Sintering Plant’, MECON, Ranchi said to me, “You have to go to Moscow, Russia, USSR for training in designing ‘3200m3 Blast Furnace’ and for the Inspection of the Equipment of ‘Bhilai 7th Blast Furnace’ for about an year. **

अतः 'मार्च मासे 1977 वर्षे’ GIPROMEZ, TPE, Moscow, USSR प्रत्यारोपणाय कार्यालयीन आज्ञा आगतः, येन ‘अप्रैल मासे 1977 वर्षे’, Sri 9077 वर्षे Vaizaakha मासे मम विस्थापनमभवत् यत्र स्वर्गीय ए. के. तेलंग, भिलाई मेकन कार्यालयात् आसीत्, यः वरिष्ठतम् सदस्यम् आसीत् अस्माकं नेता च. 

* एह से हमरा के अप्रैल 1977 में GIPROMEZ, TPE, Moscow, USSR में प्रत्यारोपन खातिर आफिस आज्ञा मार्च 1977 में आइल. 
हमरा टीम में मेकन के सब कार्यालयं के विभिन्न विभागन  ले के 10 इंगिनीयर रहन, जे में स्वर्गीय ए के तेलंगो रहन भिलाई साइट आफिस के मैटेरियल हैंडलिंग सेक्सन के, जे टीम के  वरिष्ठतम सदस्य आ टीम -लीडर रहन. *

** I was thus served an office order in March 1977 for sending me, DD Sharma on Deputation to GIPROMEZ, TPE, Moscow, USSR in April 1977.
In all, the Team included 10 Engineers representing different disciplines of different offices of MECON including Late Mr AK Telang, Material Handling Section, Bhilai Site Office who was the Group Leader and Senior most member of the Team. **

अस्माकं समूहे श्री बहल:, श्री एन. एन. अग्रवाल:, मेकन, रांची एवं श्री सेन:, मेकन राउरलेला कार्यालयात् आसन्. अश्माकं वायुयानं इल्युसिन Il-76 आसीत्, यत् इस्पात-निर्मीतम, यस्य भित्ति: शीतल` उत्पाटनकाले, अन्यथा सर्वे सुंदरम्. 

* हमनी के टीम में श्री बहल, श्री एन एन अग्रवाल, दुनो मेकन, रांची आ श्री सेन, मेकन राउरलेला  कार्यालय रहन. हमनी के उड़ान इल्युसिन Il-76, जे इस्पात के बनल रहे, ना कि भीतर में कवनो अवरोधक रहे. एह से उड़ान के समय, दवाल तनि ठंढा रहे, बाकी सब मस्त रहे.
       
** Our team included Mr Bahl, Mr N. Agrawal, MECON Ranchi, and Mr Sen, Rourlela Site office. Our Flight was Ilyushin Il-76, made of steel, not having insulation on inside side-walls, thus during the flight, the wall was reasonably cold, else it was reasonably comfortable. **

यदा वयं तेहरान वायुपत्तनस्थले आगतवन्तः, तदैव अग्नयास्त्रधारी विंसति सैनिकाः भीतरी आगतवन्तः तथा घोषितवन्तः च, “न कोपि उत्तिष्ठति, अन्यथा अस्त्रभागी भविष्यति.”
चतुर होरापश्चात् अश्माकं विमानं उड्डयन कर्तुम समर्थः , केचन  विमानसेविका कथिता, "पहलवी सासनं  अलम् , यः आसीत् 'ईरान देशस्य राजा पहलवी आर्य मिहिर'. तत्पश्चात् कटु-इस्लामी सासकाः आगतवन्तः ईरान देशे.    


* जसहीं हमनीके तेहरान हवाई अड्डा प पहुचानी जा, त दर्जनों मशीन-गन धारी मिलिटरी घुस गइले स आ घोषणा कइले स कि. “No body shall get up from the seat, else shot down.”
चार घंटा बाद हमनी के प्लेन उडल; कवनो विमान सेविका कहली कि पहलवी शासन के खात्मा भइल, जे रहन "ईरान के राजा पहलवी आर्य मिहिर", जेकर शासन भइल ख़तम, आ कट्टर पंथी मुसलमानी, बुर्कावाली शासन शुरू *     

** When we landed on Tehran Airport, Iran dozens of Iranian Armed Forces entered into our Plane and announced: “No body shall get up from the seat, else shot down.”
The Plane took off after 4 hours. Some hostess uttered that the Pahalvi Government struck down.**  

तत्पश्चात् अस्माकं उद्दयनम् सुखप्रदम् ;  भोजनम् च स्लाघ्यम ; वायुयानम् शान्ति पूर्वकम् उद्दयनमे रातम; तदैव अहम् श्रुतः, "शर्मा महोदयः, कि` भवान जलपात्रम् आनयितं ?", एतत वहल महोदयeन  उक्तः 'भोजपुरी भाषायां'   
यडपि एतत तस्य मम मातृभाषाया कटाक्ष:, अहम् तूष्णीम् आस यत् अहम् मम मातृभाषा अंतरीक्षे श्रुतः, एकपंजाब-वाशी जनात्  मुखात्. 

एकरा बाद हमनी के उड़ान नीमन रहे. भोजनो नीक रहे , हवाईजहाज शान्ति से उदल जात रहे ; एक बा एक हम सुननी, "शर्मा जी, लोटवा जे जेजे बानी?" कहलन श्री बहल भोजपुरी में. 
जदपि ई एगो कटाक्ष रहे 'भोजपुरी' प, बाकिर हम छुपे रहनी, आखिर सृ 9077 में ऊपर आसमान में` भोजपुरी, हमार मातृभाषा   त सुने के आनंद मिलल, ऊहो एगो पंजाबी के मुँह से.       

** Our flight was quite comfortable. Food was nice. The Airplane was flying calmly. All of a sudden I heard, “Sharma ji, loTawaa le le baani?”, said Mr Bahl in Bhojpuri Language.
Although it was a joke, first time I heard ‘Bhojpuri’ in space, nice. I kept quite. **

* शीघ्रमेव वयं रूसी तथा आग्ल-भाषायां उद्घोषणम श्रुतवन्त:, "फासेन योर सीट बेल्ट, योर प्लेन इज़ गुइंग टु लैंड ऐट शर्मातोवा एयरपोर्ट, मॉस्को    "
अहम् कथितं भोजपुरी भाषायां, "वहल महोदयः, मास्को विमानपत्तन स्थल मम नाम्नि एव अस्ति."
  
*तुरत्ते घोषणा भइल रूसी आ अंगरेजी में, "आपण सीट बेल्ट बान्ह लेल जाय, शर्मातोवा हवाई अड्डा, मास्को आवहीं वाला बा  हम कहनी, "वहल जी, मास्को हवाई अड्डा हमरे नाव प रखाइल बा, त इहाँ लोटवा त होइबे करी".*      

** Soon there was announcement in both Russian and English, “Fasten your seat belt, your Plane is going land at Sharmatova Airport, Moscow. …”.    
I said, “Bahl ji, Moscow HawaaiaDDaa ta hamare naav pa baa, ta~ loTawaa ta hoibe karee.” **

मस्क्वा शर्मातोवा विमानपत्तने वयं सुरक्षितम् आगच्छं, यत्र तनु शीतलता आसीत् 15 अन्से.   श्री विश्वनाथन, मेकन निवासी राजनयिक: अश्माकं स्वागतम् कृतवान, तथा स्व गुरुमन्त्रणI अस्मभ्यम् दत्तवान्, कथितवान्
त् नलजलं न पानीयं, मात्र वदI पानीयं यत् पाकशालायाम् उपलब्धम्, मार्गे फलरसम् तथा मृदुलपेयम् उपलब्धम् पातुम्. 



हमनीके सुरक्षित रूप से लैंड भइनी जा मास्को हवाईअड्डा प, जहा तनी मनी सिहरन लागत रहे 15 डिग्री प. श्री विश्वनाथन, मेकन निवासी राजनयिक हमनी के स्वागत कइलन, जे हमनी के मास्को के होटलन में रहे खातिर गुरुमंत्र देलन 
ऊ कहलन, "नल के पानी ना पीये के जे सर्कुलेट कइल जाला"
अउरु कहलन, रेस्तरां सब में` वडा मोलेला, आ रोड किनारे तरह तरह सॉफ्ट ड्रिंक आ फल के रस मिलेला पीये खातिर*     

** We landed safely at the Sharmatova Airport, Moskva which was quite chilli. Mr Vishvanathan, MECON Resident Councillar, was present to receive us, and provide us tips for living in the Moscow Hotels. He advised “Not to take tap water which is recirculated one.”. He added, “Voda is available in restaurant, and in streets verities of soft drinks, fruit juices are available. **     

होटल ओस्तांकिनोव वदनखायाम् वयं एकैक भवनप्राप्तम्, यत् मास्कोत्तरी अस्ति, मास्को दूरदर्शन स्तम्भसमीपे यत्र घूर्णित् जलपानगृहमासीत् ऊपरी. 
ओस्ताकिनोव निवासस्थले एक वृहदवनमासीत् यत्र नानाप्रकार चराचरान् वसन्ति. 
      
* होटल ओस्तांकिनोव उत्तरी मास्को में टी. वी. टावर के नियरे बा, जेकरा ऊपर एगो घूमत भोजनालय बा. 
होटल ओस्तांकिनोव से सटले एगो खूब बड़हन बन बा, जे में रंग बिरंग के पेड़ पौधा आ ज जन्तु रहेलन स. *

** We were allotted comfortable rooms in Hotel Ostankinov, Vadnkha in North Moscow near Moscow TV Tower with Revolving Restaurant over it.
Near the Hotel Ostankinov, there was a big jungle full of strange flora & fauna.
I had seen 2.5 ft high rabbit in the jungle. **

** In Moscow first time I enjoyed the ride of ‘Metro Rail’. The Metro trains were very punctual. Each Metro Station showed some individualistic art, sceneries, etc. Metro Rail system was fully automatic. Stations were well located and covered almost entire cosmopolitan city, some part underground, and other elevated. **



52. कः दृष्टः "कलियुगे सतयुगम्?" Ka: drizTa: “Kaliyuge Satyugam”?
  के देखल "कलियुग में सतयुग" Ke dekhal “Kaliyuga me` Satyuga”?
Who has seen: “Truth Era in Black Era”?           Page 12.37 – 12.44 

भवान् जानाति, अनेकाः कथयन्ति यत् युगं भवति 12 वर्षानाम्.

* परन्तु भारतीय सास्त्रानुसारेण 4 युगानि भवन्ति, ये चलन्ति चक्रीय रूपे:-
1.  सतयुगम् 4x432000 =1 728 000 पृथ्वी वर्षं 
2.  त्रेतायुगम् 3x432000 = 1 296 000 पृथ्वी वर्षं 
3.  द्वापरयुगम् 2x432000 = 864 000 पृथ्वी वर्षं 
4.   कलियुगम् 1x432000 = 432000 पृथ्वी वर्षं. 

चतुर्युगम् 10x432000 ‘पृथ्वी वर्षं = 4 320 000 ‘पृथ्वी वर्षं’ 
= 4.32 M = 43.2 लक्ष ‘पृथ्वी वर्षं’ = (+- 5% पृथ्वी वर्षं).
= 4.32 M पृथ्वी वर्षं अथवा सूर्यवर्षं. = 1 Mahaaयुगम्
71 Mahaaयुगम् = 1 Manvantaram
14 manvantaram = 14x71x4.32 M पृथ्वी वर्षं
= 4.318272000 Arab पृथ्वी वर्षं, ~ = 4.32 GY
= 4.32 billion Earth Year = 1 Brahmaa Day अथवा 1 Kalp.
+ 4.32 billion Earth Year = 1 Brahmaa Night अथवा
mahaa Pralay..
इदमेव पृथ्वी-जीवनम् सास्त्रानुसारेण. 

विज्ञानानुसारेण, पृथ्वी-अनुमानित जीवनम् 4.5 M वर्षं.

 द्वयोः मात्र 3%, 4% अन्तरम्.
मात्र इदमेव तयोः अन्तरम् naganyam.  


अतः भारतीय शास्त्र तथा विज्ञान प्राप्त 'ज्ञानम्' एव, “ज्ञानम्” प्रतीते.
परन्तु इतिहास, विशेषतः 'पश्चिमी इतिहासम्' तूष्णीमेव अत्र.

* रउआ मालुम बा, आज-काल ढेर लोग कहेलन कि एगो 'युग' 12 बरिस के होला. 
बाकिर भारतीय सास्त्रन के अनुसार 4 युग होले स, je naacat rahelaa:
1.  सतयुग: 4x432000 =1 728 000 ‘पृथ्वी बरिस’
2.  त्रेता:  3x432000 = 1 296 000 ‘पृथ्वी बरिस’
3. द्वापर: 2x432000 = 864 000 ‘पृथ्वी बरिस’    
4. कलियुग:  1x432000 ‘पृथ्वी बरिस’.

चतुर्युग: 10x432000 ‘पृथ्वी बरिस’ = 4 320 000 ‘पृथ्वी बरिस’
= 4.32 M ‘पृथ्वी बरिस’ = (+- 5% पृथ्वी बरिस चाहे सुरुज बरिस) = Mahaayug. = 4.536 M यI 4.104 M बरिस.
71 Mahaayug = 1 Manvantar
14 Manvantar ~ = 4.32 Arab Baris = 1 Kalp ,
इहे ह पृथ्वी के अनुमानित जिनगी, सास्त्रन के अनुसार. 
विजान के अनुसार ह 4.5 b  Prithvi बरिस. 


= 1 Brahmaa Din. aa Atane 1 Brahmaa Raat
ð 8.64 b EY = 1 Brahmaa din+raat.
ð Bragmaa ke Jinagi = 100 Brahmaa Baris.

दुनो में खाली 3%, 4% के अंतर बा.
एह से भारतीय शास्त्र आ विज्ञान के ज्ञान ठीक लIगता, जबकि इतिहास, ख़ास क के 'पच्छिमी इतिहास' एह सब प चुप्पी सधले बा.   

** As you know, now a days, many say that a ‘yug’ is a time period of 12 earth-year.
However, according to Indian Sashtras there are 4 Yuga:
1.    Satyug: 4x432000 EY =1 728 000
2.    Treta: 3x432000 EY = 1 296 000
3.    Dwapar: 2x432000 EY = 864 000
4.    Kaliyug: 1x432000 ‘EY=Earth or Solar Year’
  CaturYug: 10x432000 EY = 4 320 000 EY = 4.32 M year = (+ - 5% transition period),
The life of the Earth as per Indian Sashtra
=14x71x4.32M EY ~ = 4.32 billion EY.
The estimated life of the Earth as per Science =4.5 billion year.

The difference between the above 2 is hardly ~ 3% to 4%.**
Thus we find that the knowledge provided by the Indian Sastras and Science provide the real ‘knowledge’, where as the History, ‘particularly Western History’ is mum on this basic aspect.

जना: ज्ञातः यत् एकश्मिन्काले समस्त-पृथिव्यां एकयुगमेव भवति. परन्तु  सृ. 9077 वर्षे लेखकः ज्ञातः यत् समस्त सोवियत संघे 95% - 98% जनाः 100% प्रसन्ना:, तथा 95% - 98% जनाः 100% सत्यवादी आसन.  म् त् न्


* लोग इहे जानत रहन कि एक समय पूरा पृथ्वी प एके युग होला. 
बाकिर सृ. 9077 में करीब पूरा USSR ke 13 deshan में, लेखक देखलन कि  95% से 98% लोग 100% खुश रहन, आ 95% से  98% लोग सांचे बोलत रहन. * 

** It was presumed that at one time, only one Yug prevails on the entire Earth.
However, in the most part of the USSR in 1977, the Author found that 95% to 98% people were 100% happy there.
Further, 95% to 98% people were speaking ‘truth’. **

अयं लेखकः उपरि लिखित द्वे तथ्ये समायोजित:, तथा प्राप्त: यत् "यत्र 95% - 98% जनाः सत्यवादी तथा 100% जनाः प्रसन्ना:, तत्र अवश्यमेव सतयुगमासीत्. " 



* ई लेखक ऊपर के दुनो तथ्यन के मिला के पवल कि "सोविएतसंघ में जहँवा 95% - 98% लोग सांचे बोलत होकस, सब 95% - 98% लोग 100% प्रसन्न होखस, ऊहां सतयुग ना, त अउरु का!*

** The Author connected the above 2, and found that: ”Where 95% to 98% people were speaking ‘truth’, and the same percent people were 100% happy, certainly there was ‘Satyug’ in USSR then.**

अतः, इदं ज्ञातं यत् एक-काले एव, पृथिव्यां एक भागे सतयुगम् सम्भवम्, तदैव अन्य क्षेत्रे अन्य युगम् सम्भवम्.   

* एह से, जइसन कि लोग पहिले सोंचत रहन कि एक समय पूरा पृथ्वी प एके युग होला, ओकरा विपरीत ई पता चलल कि 
"पृथ्वी के कुछ भाग प सतयुग हो सकेला, जबकि बाकी भाग में दोसर युग होइ. * 
  

** Thus, unlike previous notion that the same Yug remains prevalent at one time on the entire Earth, one thing was concluded:
“There can be ‘Satyug’ in some part of the Earth, where as in the other part, there can be other Yug”. **

परन्तु वैष्वीकरणे इदं सम्भवम्, यत् "लौहसुरक्षित् क्षेत्रम्" आवश्यकं 'सतयुगस्य सुरक्षा' हेतु.  



* बाकिर 'ग्लोबलाइजेशन' में ई संभव नइखे, काहे कि एह खातिर "लौह दीवाल" जरूरी होइ "सतयुग -क्षेत्र" के सुरक्षा लहातिर. * 

** However, this is not possible in ‘globalization’, for this there must be ‘Iron Curtain’ to protect the “Satyug like Region”. **

अधिक ज्ञातुं पठ्यताम् लेखकेन लिखित` पुस्तकं "कलियुग में सतयुग" एक स्मृति चिह्न रूपे, यत सोवियत संघ लुप्तमेव अधुना।,  धन्यवाद पच्छिमी कलयुगी कुटिल तकनीक तथा  मिखाइल गर्वाचेव, अंतिम राष्ट्राध्यक्ष सोवियत संघ एवं  सोवियत यूनियन महासचिव:, यः  व्लादिवोस्तोकात्  ग्लासनोस्त, पेरेस्त्रोइका घोषणा कृतः.  

* अउरु जाने खातिर देखीं किताब "कसलियुग में सतयुग" www.plusgoogle.com प  लेखके  के  लिखल यादगारी में, तब जब " के USSR  सोवियत  मॉडेल  अब गायब बा ; धन्यवाद पच्छिमी कलयुगी कुटिल तकनीक आ मिखाइल गर्वाचेव, अंतिम राष्ट्राध्यक्ष सोवियत संघ आ सोवियत यूनियन  के  महासचिव जे व्लादिवोस्तोक से ग्लासनोस्त आ पेरेस्त्रोइका के घोषणा कइले, जबकि ई एगो "लोहा के पर्दा" के भीतर सुरक्षित रहे.   

** For more, one may go to the book entitle “Kaliyug me` Satyug” at www.plusgoogle.com by the Author as his memoir, particularly written since the ‘Satyug Model’ of USSR in ‘Kaliyug’ has now vanished. Thanks to the West’s Kaliyugi technique and Mikhail Gorvachev, the last President of USSR and GS of CPSU’s: ‘Glasnost’ and ‘Perestroika’, instead of the popularly known “Iron Curtain” as synonym for USSR.**
* सृ 9078 वर्षे अहम् सपरिवारं अंडमान एवं निकोबार द्वीपे गतः, तत्र अहम् द्वितीय "लोहाच्छादनम्" द्रष्टुम् इच्छम्, यत् आसीत् "निकोबार द्वीपम्."  


* सृ 9078 में हम सपरिवार अंडमण्ड    निकोबार द्वीप गइल रहीं जा, एगो दूसर "लोहा परदा" देखे के  चाहत रहीं, जे भारते के में बा  'निकोबार द्वीप'. *

** During 1978, I had gone to Andmond & Nicobar Island along with my family, and liked to witness another “Iron Curtain” in India’s ‘Nicobar Island’ part of the  “Andmond & Nicobar Is”. **


** We were not allowed in ‘Nicobar Island’ by Government of India, lest the Nicobais attacked any intruder like us, and ‘destroy them and their culture’, who were, of course,  very plain, simple and obviously truthful, something like ‘Satyugi’.**

संभवतया वयं निकोबार द्वीपे गन्तुं समर्थः शासनेन सह, परन्तु मम कनिष्ठ पुत्रः मस्तष्क-ज्वरे ग्रसित:, अतः वयं भारतस्य मुख्य भागम् अवश्यमेव गमनीयम्.

·        शायद हमनी के निकोबार द्वीपों में जा सकती, बाकिर हमार छोटका लइका इंसेफलाइटिस ग्रस्त हो गइल रहे, एह हमनीके तुरत भारत लौटें  के परल.  *

** Possibly we could enter into Nicobar Is under Government protection, however my younger son had fallen seriously sick and we had to return to Indian Mainland. **

अतः इदं स्पष्टं त् "परिमार्जित सतयुगी समाजं सुरक्षितं भवेत्", अन्यथा तस्य स्थिति सोवियत संघसममेव. 



* एह से ई साफ़ बा कि "परिमार्जित सतयुगी समाज जरूर सुरक्षित होखे" जंगली कलयुगी लोगन से आ उनकर वल से.  ना त~ उनकरो सोवियत संघ वाला हाल होइ. *   

** From above it is clear that: “The reformed society must be well protected from “The Jungli Kalayugi people and their forces”.**  











53.   सृ: 9087 वर्षे 7म् “घण्ट-रहित=उष्णवायु-भष्ट्र संयंत्रम्” “उपक्रमIकार-गृहे लावाकरणम्’, “डी. डी.     सी-संगणक-नियंत्रितसंयन्त्रम्” भIरते सर्वप्रथमम् निर्मितं तथा प्रचालितम्. Bhilaai “Saptam Ghanta-rahitaUz0IaVaayuBhrazta Sanyantra Upakramam”, “Aakaara-Grihe LaawaaKaranaSanyantram”, “DDC-Sanga0IakaNiyantritaSanyantram” sarvaPrathamam Bhaarate Nirmitam tathaa Pracaalitam.
       सृ: 9087 बरीस में` भिलाई “७म बेल्ल-रहित धमन भट्ठी संयंत्र उपक्रम”, “कास्ट हाउस स्लैग ग्रानुलेशन प्लांट” सहित, डी. डी. सी-कंप्यूटर नियंत्रित संयंत्र भारत में पहिले पहल बनल आ पिग आयरन उत्पादन कइलस. Sri: 9087 Baris me` Bhilaai “7m Bell-rahit Dhaman BhaTThi Sanyantra Upakram”, “KaasT Haaus Slaeg Graenulesan PlaanT” Sahit, DDC-KampyuTar Niyantrit Sanyantra Bhaarat me` pahile pahal banal aa Utpaadan Kailas MECON Ltd ke o~r se BHEL, Bangalore ke saath.
Bhilai “7th Blast Furnace Complex” complete with ‘Bell-less Top’ and “Cast-House Slag Granulation Plant”, DDC and Computer Controlled System, Designed, Built First time in India and Commissioned in 1987 CE on behalf of MECON Ltd with BHEL, Bangalore for Bhilai Steel Plant.                                                  Page 12.46 – 12.66 



53.1भारते उष्णवायु-भष्ट्र धमन भट्ठी Indian Blast Furnaces:
                                                                   Page 12.47 – 12.54
       
        भारते सर्व प्रथमं उष्णवायुभ्रष्ट्रं  कुल्टी स्थाने बिहार प्रदेशे स्थापित:. तत्पश्चात बर्नपुरे पश्चिम बंगे स्थापित: उष्णवायुभ्रष्ट्रौ, पश्चात जमशेदपुरे बिहार प्रदेशे स्थापित: यत् अधुना झाड़खंडं  कथ्यते, यत् अधुना टिस्को नाम्नि प्रसिद्धं. 

भारत में सबसे पहिले कुल्टी बिहार में धमन भट्ठी खड़ा कइल गइल रहे ; बाद में बर्नपुर, पश्चिम बंगाल में बनल धमन भट्ठी, आ फेरु जमशेदपुर, बिहार अब झाड़खंड में` बनल, जे टिस्को के नाव से प्रसिद्ध भइल *  

**  The oldest Blast Furnace in India was installed in Kulti and got shifted to Burnpur, WB, and in TISCO Jamshedpur, Bihar now Jhadkhand. **

        * भारतस्य स्वतन्त्रता पश्चात त्रीणि समन्वित इस्पात संयन्त्राणि स्थापितानि. पूर्वं 10 लक्ष टन प्रतिवर्षे उत्पादन क्षमता  प्रति संयंत्र सह, यानि  निम्ने प्रदर्शितानि:-  
1. राउरकिला इस्पात संयंत्रम, ओडिशा प्रदेशे 3 उष्णवायुभ्रष्ट्रIनि  सह, पश्चिम जर्मनी सहयोगेन. 

2.   डी एस पी, दुर्गापुर इस्पात संयन्त्रम, पश्चिम बंग प्रदेशे 3 उष्णवायुभ्रष्ट्रIनि सह बर्तानिया सहयोगेन.  

3.     बी एस पी, भिलाई इस्पात संयन्त्रम, मध्यप्रदेशे अधुना छत्तीसगढ़े  3 उष्णवायुभ्रष्ट्रIनि  सह सोवियत संघस्य सहयोगेन.

        * भारत के स्वतन्त्रता के बाद, 3 समायोजित इस्पात संयन्त्रन के स्थापना भइल हर के शुरुआती वार्षिक उत्पादन क्षमता  रहे 10 लाख टन  इस्पात जे नीचे देल बा. 
1. आर एस पी:  3 धमन भट्ठियन के साथ ओडिशा में पश्चिम जर्मनी के सहयोग से. 
2. डी एस पी: दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, पच्छिम बंगाल बर्तानिया के सहयोग से. 
3. बी एस पी  भिलाई इस्पात संयंत्र, मध्य प्रदेश, अब छत्तीसगढ़ में सोवियत संघ के सहयोग से.  

**    After Independence of India 3 Integrated Steel Plants were installed each with 1Mtpa (Million tonne per annum) steel production, initially as follows:

1.    RSP: Rourkela Steel Plant, in Orissa with 3 Blast Furnaces; with the help of then West Germany.

        2. DSP: Durgapur Steel Plant, in West Bengal with 3 Blast Furnaces with the help of GB: Great Britain.
        3. BSP: Bhilai Steel Plant, in Madhya Pradesh now in Chattisgarh with 3 Blast Furnaces with the help of USSR: Union of Soviet Socialist Republic. **

अपरं च, जापान सहयोगेन मिश्रधातु संयंत्र आसीत्  दुर्गापूरे.  
* एकरा अलावे, ए एस पी अल्लोवाय इस्पात संयन्त्र रहे जापान के सहयोग से.  * 

**    In addition, ASP: Alloy Steel Plant, was also installed in Durgapur, WB with the help of Japan. **

        सर्वाणि उपरिलिखितानि संयन्त्राणि, तथा 'केंद्रीय अभिकल्पन अभियंत्रण संस्थान`', "हिनुस्तान स्टील लिमिटेड" उद्यमस्य आसीत्, यत्र लेखकः 'स्नातक अभियंता' पदे स्थापित: संयन्त्रस्य 18 लक्ष टन सम्वर्धनाय, पश्चात दुर्गापुर इस्पात संयन्त्रस्य 16 लक्ष टन सम्वर्धनाय विस्थापित:, तत्पश्चात भिलाई इस्पात संयत्रस्य इस्पात भवन कार्यालये मेकने विस्थापितः.

उष्णवायुभ्रष्ट्र संख्या 6 वायु-उष्णकारकानां स्वचालित करनाय,

"द्वितीय लौह अयसकसंवधँन संयन्त्रस्य" स्थापनाय, 
        उष्णवायुभ्रष्ट्र संख्या - 2 कोयला-धुल क्षेपनाय तथा 

सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्र उष्णवायुभ्रष्ट्र स्थापनाय. 

   * ऊपर लिखल 3 इस्पात संयंत्र आ ASP रहे HSL: Hindustan Steel Ltd के, जे में लेखक 'स्नातक अभिय'तI’ के पद प  ज्वायन कइलन, RSP के कार्यालय में 18 संवर्धन खातिर, फेरु बदली भइल दुर्गापुर कार्यालय में संयंत्र के 16 लाख संवर्धन खतिर, अंत में बदली भइल भिलाई:
धमन भट्ठी स. 6 के स्टोवन के स्वचालित करे खातिर,
दूसरका भट्ठी में कोल-धुल, धमन भट्ठी-2 में प्रक्षेपन खातिर,
सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्र संयंत्र के स्थापना. * 


**    All the above 3 Steel Plants and ASP belonged to HSL: Hindustan Steel Ltd, where the author had joined as ‘Graduate Engineer’ and posted at:
        RSP, Rourkela, Odisha for: 1.8 Mtpa Expansion, then
        Transferred to DSP, WB for 1.6 Mtpa Expansion and next to

BSP, Bhilai, MP now Chhattisgarh for:
Automation Hot Blast Stoves of Blast Furnace No. 6,

Installation of 2nd Sintering Plant,
       
Installation of Coal Dust Injection into Blast Furnace No. 2 and for
       
Installation of 7th Blast Furnace Complex. **

लेखकः यदा 'बिहार अभियंत्रण महाविद्यालये’, पटना विश्व विद्यालय- छात्रः आसीत्, तदा दर्गापुर  इस्पात संयंत्रस्य 'कस्तूरबा',  प्रथम उष्णवायु भ्रष्ट्रस्य भारतस्य प्रथमराष्ट्राध्यक्ष डा राजेंद्र प्रसादस्य करकमलेन उदघाटन समारोह काले लेखकस्य उपस्थिति सौभाग्यं. *

    ई लेखक जब बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, पटना  विश्वविद्यालय,  केउदघाटन रहन, तब  उनका दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के  धमन भट्ठी संख्या-1, 'कस्तूरबा' के उदघाटन समारोह में फामिल होखे के सौभाग्य मिलल रहे, जे भारत के प्रथम रराष्ट्राध्यक्ष डा राजेंद्र प्रसाद के हाथ से सम्पन्न भइल रहे. *  

**    The Author as a student of ‘Bihar College of Engineering’,  Patna University, now NITP had privilege to witness the Commissioning of DSP’s 1st Blast Furnace by the 1st President of India Dr Rajendra Prasad.  **

        लेखक: सौभाग्यशाली यत सः भारतस्य प्रथमं अभियंता abhavat य: केचन ‘उष्ण वायु भ्रष्टस्य रेखां’ अभियंत्रितः, दर्गापुर भरष्ट्रसंख्या -4 'रेखा' Sri: 9063-84 Varze,  

*      ई लेखक सौभाग्यशाली रहन कि ऊ भारत के (2 में से एक) पहिला अभियंता बनलन, जे एगो धमन भट्ठी के लाइन  के डिजाइन कइलन, जे रहे दुर्गापुर इस्पात के  'दुर्गा': धमन भट्ठी संख्या – 4. * 


**    The Author as GE and Asst. Design Engineer had privilege to be one of the 1st Indian Engineer to design the “Lines of a Blast Furnace”, namely Durgapur, ‘4th Blast Furnace of DSP’, all under CEDB: HSL / MECON Ltd. **

* विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्रस्य  विशेष निमंत्रणे  लेखक: व्यक्तिगत- क्षमाता-रूपे  देशस्य  "सिन्टर प्लांट" विशेषज्ञ  रूपे , मेकन सी एम डी  अनुमति पश्चात वी एस पी गतवान भिलाई इस्पात संयंत्र संचालकानाम चालाकानाम नेतृत्व कर्तुम,  
एतत सिंटरिंग प्लांट 'सलाहकार:' 'दस्तूर एंड कंपनी' आसीत्` ये  'सिंटरिंग प्लांट संचालने, चालने अनुभवहीनाः'

* विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के विशेष निमंत्रण प, ई लेखक व्यक्तिगत क्षमाता प देस के सिन्टर प्लांट स्पेसलिस्ट के रूप में, मेकन सी एम डी के अनमति से वी एस पी गैलन बी एस पी के कमिसनिंग आ ऑपरेशन टीम के अगुआई क के; काहे कि V.S.P  सिंटरिंग प्लांट के 'सलाहकार'   रहे दस्तूर एंड कंपनी जेकरा काम में` काममिसनिंग ना रहे, नाही उनके पास एकर कवनो अनुभव रहे. *

**    The Author in his personal capacity as a Specialist of Sintering Plant of India on invitation of the Managing Director, Vishakhapattanam Steel Plant with permission of the CMDMECON, lead a “Team of BSP operation and commissioning Engineers” for commissioning of the Sintering Plant of VSP, of Rastreeya Ispat Nigam Ltd. **
         
पश्चात,   लेखक: कलकत्ता महानगरे  'बिड़ला तकनीकी सेवायाम' 'सर्वांगीण व्यवस्थापक एवं वित्ताधिकारी' रूपे  कार्यं कृतवान :- 
        > दुर्गापुर उष्ण वायु भ्रष्ट्र स 2  नवीनीकरणाय  तथा  
> लौह अयस्क  संवर्ध संयंरा स 2, स्थापनाय  *
   
        * बाद में,  लेखक बी टी एस  के `General Manager आ  Cost Center-in- Charge' NEIL: National Engineering and Industries Ltd',  कलकत्ता  के पद प काम कइलन:-
        > दुर्गापुर धमन भट्ठी स 2 के नवीनीकरण  आ 
> सिन्टर प्लांट स 2 के स्थापना खातिर. *
   
** Later the Author, as General Manager and Cost Center-in- Charge of BTS, a Division of NEIL: National Engineering and Industries Ltd, Calcutta was responsible for
> Modernization of Blast Furnace No.2 of DSP and
> Installation of Sinter Plant No.2 of DSP. Durgapur. **

लेखकस्य HSL / SAIL: Steel Authority of India Ltd संकायानाम एतान् अनुभवान् सह चिन्तयते यत् उष्ण वायु भ्रष्ट्राभ्यां लौहनिर्माणम एतत् पुरातनं, प्रदूषणकारकम तथा न्यूने उत्पादन क्षमता सह कथम् ?


* HSL / SAIL: Steel Authority of India Ltd के धमन भट्ठी आ  सिन्टर प्लांटन से अइसन गाढ़ निकटता के चलते, लेखक के ई बात खटकत रहत रहे हरदम कि भारतीय धमन भट्ठियन से लोहानिर्माण अतना पिछड़ल, प्रदूषणकारक आ कम उत्पादन क्षमता वाला काहे बा.*  

** Under the above back-ground of deep involvement of the Author with the Blast Furnaces and Iron Ore Sinter Plants of HSL / SAIL: Steel Authority of India Ltd, the main question in his mind was, why the ‘Iron Making’ of Indian Blast Furnaces were so primitive, polluting, and having very low Specific productivity? **










53.2 भारतीय लौह इस्पात संयन्त्रेसु न्यूनप्रदूषणकरनम् Bhaarateeya Lauha Ispaat Sanyantresu NyoonPradoozanKaraNam 
   भारतीय लौह आ इस्पात संयन्त्रन में प्रदूषणकम कईल  
   Bhaarateey Lohaa aa Ispaat Sanyantran me` Pradooshan Kam se Kam Kail
     Minimization of Pollution in Indian Iron and Steel Plants:
                                          Page 12.55 – 12.59 

        यथा सर्वे ज्ञायन्ते, विश्वे लौह इस्पात उत्पादकसंयन्त्रान् उच्च प्रदूषणकारकाः, अतः द्रवितस्लैगस्य लावाकरणम् कृत्वा सिलमिट उत्पादनम् कर्तुम् कथित:.
   
    * जइसन कि सबलोग जानतारन, पूरा संसार में लोहा - इस्पात संयन्त्रन के लोग खूब प्रदूषणकारक मानेलन वायु, जल आ जमीनन के, एह  से पिघल स्लैग के लावाकरन  क के सलाह देनी, जे से सिलमिट बनावल जा सके ओकरा से *
  
** As all know, iron & steel plants throughout the World are considered to be   highly polluting: with all Air, Water, and Soil pollution.
Thus: Granulation of BF Molten Slag for Production of BF-Slag Cement was Carried out. ** 
                
        धरित्री वायु प्रदूषण न्यूनकारणाय, लेखकः दर्गापुर इस्पात संयन्त्रं द्रवित स्लैगस्य संयंत्र सीमायां विक्रय कर्तुम् कथितः येन धनोपार्जनम च अभवत्.  एक बिरला संस्थानम् द्रव-स्लेगम् आदाय, तस्मात् बी एफ स्लैग सिलमितं निर्मितः लावाकरण पश्चात.  
       
       *  वायु जल जमीन के प्रदूषण से बचावे खातिर, तरल स्लैग के प्लांट के सीमा प बेंच दियाइल एगो बिरला कंपनी से, जे ओकरा के ओहिजे लावाकरण क के सिलमित बनवलस. * 

** To minimize solid pollution, air-pollution, the Author succeeded in the sale of Molten Blast Furnace Slag at the boundary of DSP, 
           > Resulting into avoiding creating Mountains of Molten fuming hot Slag by profitably granulating the molten slag itself for producing ‘BF Slag Cement’.  
           > Eliminating heat pollution, air pollution, and solid pollution eliminating further creation of ‘Slag Mountains’. **
       

    भिलाई द्वितीय लौह अयस्कसंवर्धन संयन्त्रस्य स्थापना देव दत्त शर्मा, मेकन अभिकल्पन अभियंता, वरिष्ठ अभिकल्पन अभियंता  विचारधारितम स्थापितं संचालितम् 
    > उत्पाद क्षमता विश्व स्तरीय 
      >  धूल प्रदूषण घटितम्, डस्ट-कैचर धूर,  बी ओ एफ लाइम प्लांट धूर  आदि 
                       सिन्टरे उपयोगम्,
      > अत्त्युच्च सूपर-फ़्लॅक्सड सिन्टर उत्पादन   


* भिलाई द्वितीय सिन्टर प्लांट, विचार से संचालन तक देव दत्त शर्मा, डिजाइन इंजीनियर,सीनियर डिजाइन  मेकन  के फल भइल: 
> उत्पाद क्षमता भइल विश्व स्तरीय 
>  धूल प्रदूषण कमल, डस्ट-कैचर धूर,  बी ओ एफ लाइम प्लांट धूर  आदि 

के सिन्टर में उपयोग,
> अत्त्युच्च सूपर-फ़्लॅक्सड सिन्टर के उत्पादन. *  


**   Installation of Bhilai 2nd Sintering Plant, a ‘Concept to Commissioning Product’ of Deo Dutta Sharma, in the capacity of Design Engineer, Sr Design Engineer, MECON, resulyed into:
           > Achieving Sp. Pr, Specific Productivity comparable to some of the best Sinter Plant of Japan.
           > Producing ‘Extra-High Super-fluxed Sinter’, and
           > Eliminating solid pollution with blending BF Dust-Catcher dust, BOF dust, Lime plant dust, rolling mill dust, dried thickener ppt etc in Sinter-mix. **

     भारतस्य तदा आधुनिकतम "भिलाई सप्तमउष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रम" स्थापना:-
  > सर्वप्रथमं भारते आयातित कोयला, सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्रे उपयोगम् 
  > एतेन पूर्णतया वैज्ञानिक "उष्णवायुभ्रष्ट्र उत्पादप्रारूपम्" प्रमाणिम्

*     भारत के तब आधुनिकतम "भिलाई सप्तम धमन भट्ठी उपक्रम" के स्थापना:
       > बी एफ कोक के कोलब्लेंड में सब  से पहिले आयातित कॉल के उपयोग,
       > एह से लेखक के संसार में सबसे पहिले बनावल पूरा वैज्ञानिक "धमनभट्ठी उत्पाद प्रारूप"  साबित भइल , बाकी सब प्रारूप एम्पेरिकाले रहन स, *

**   Installation of then India’s most modern “ 7th Blast Furnace Complex”:
      > Using imported coal blend for coke making, first time in any Indian Blast Furnace.
      > This resulted into proving the “Blast Furnace Productivity Model”, a fully  scientific model, first time developed in the World by the Author; all other BF-Productivity models were mainly empirical. **   

भिलाई सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्रस्य विशिष्ट उत्पाद क्षमता, विश्वस्य आधुनिकम उष्णवायुभ्रष्ट्रस्य क्षमता समतुल्यम्

अहम् मुख्यरूपे भिलाई सप्तम् उष्णवायुभ्रष्ट्रस्य वार्ता करिष्यामि.  

*  भिलाई सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्र के विशिष्ट उत्पाद क्षमता, संसार के अत्याधुनिक उष्णवायुभ्रष्ट्र के बराबर भइल, जेकर कुछ विस्तार नीचे देल जाता:
हम ख़ास के भिलाई सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्र के बात करब नीचे:- 

** The Sp. Pr: Productivity of Bhilai “7th Blast Furnace Complex” attained the productivity level comparable to the most modern Blast Furnaces of the World; some of the details of which are reproduced below:
        I shall restrict to reproduce the details of “7th Blast Furnace Complex” mainly. **


    "भिलाई सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट् उपक्रमे"  "आकार गृह स्लैग लावाकरणं",  DDC एवं  संगणक नियंत्रण उपक्रम सह अभिकल्पन  सृ. 9087 वर्षे मेकन, रांची, दिवंगत आर जी गुप्ता नेतृत्वे BHEL, बंगलोर सह  कृतः,  स्थापना तथा संचालितं कृतः मेकन, भिलाई डॉ DD शर्मा नेतृत्वे सृ 9087 वर्षे BHEL, बंगलोर सह. 


*      "भिलाई सप्तम धमन भट्ठी उपक्रम" रहे "बेल्ल - रहित - टॉप", "आकार गृह स्लैग लावाकरण" के साथ,  DDC  आ संगणकन  के कंट्रोल उपक्रम के साथ  अभिकल्पन  सृ 9087 में मेकन, रांची, दिवंगत आर जी गुप्ता के नेतृत्व में  BHEL, बंगलोर  के साथ कैलस आ स्थापना भइल आ संचालित कइल गईल मेकन , भिलाई में` डॉ DD शर्मा के नेतृत्व में सृ 9087 में BHEL, बंगलोर  के साथ.

     बाकिर भिलाई 4 Mtpa DPR के सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्में "बेल्ल - रहित - टॉप" ना रहे, एकर श्रेय जाता डॉ DD शर्मा,  सी एम् डी मेकन,  श्री एम जी आर  प्रसाद, निर्देशक (प्रोजेक्ट) बी एस पी आ श्री संगमेस्वरम एम् डी, बी एस पी के प्रयास से.    


**   "Bhilai 7th Blast Furnace Complex” complete with ‘Bell-less Top’ and “Cast-House Slag Granulation Plant”, DDC and Computer Controlled System, Designed, Built First time in India and Commissioned in 1987 CE on behalf of MECON Ltd with BHEL, Bangalore then became the most modern Blast Furnace of India which was designed by MECON Ranchi under the leadership of now late Mr RG Gupta, Dy CE, Bhast Furnaces. 
     However, under the original 4 Mtpa DPR of BSP, the 7th Blast Furnace itself was not included.**












53.3 सृ: 9087 वर्षे 7म् “घण्ट-रहित=उष्णवायु-भष्ट्र संयंत्रम्” “आकारगृहे लावाकरणम्’, “डी. डी. सी. संगणक-नियंत्रितसंयन्त्रम्” भIरते सर्वप्रथमम् निर्मितं तथा प्रचालितम्.
      सृ: 9087 बरीस में` भिलाई “७म बेल्ल-रहित धमन भट्ठी संयंत्र उपक्रम”, “कास्ट हाउस स्लैग ग्रनुलेशन प्लांट” सहित, डी. डी. सी-कंप्यूटर नियंत्रित संयंत्र भारत में पहिले पहल बनल आ पिग आयरन उत्पादन कइलस.
        Bhilai “7th Blast Furnace Complex” complete with ‘Bell-less Top’ and “Cast-House Slag Granulation Plant”, DDC and Computer Controlled System, Designed, Built First time in India and Commissioned in 1987 CE on behalf of MECON Ltd with BHEL, Bangalore for Bhilai Steel Plant.                                                                                                          Page 12.60 – 12.66
                         
 भिलाई इस्पात संयंत्रस्य परिवर्तित 4 Mtpa DPR घण्ट-रहित=उष्णवायु-भष्ट्र नासीत्, परन्तु लेखकः ैच्छत यत एतत उष्णवायु-भष्ट्र आधुकतमं भवेत्  लक्सेम्बर्ग निर्मित  बेल्ल रहित पदार्थ प्रदाय उपक्रमं सह.  लेखकस्य इदं विचारम् भिलाई इस्पात संयंत्रस्य भ्रष्ट्र प्रवंधक:, निर्देशकः (प्रोजेक्ट), प्रवन्ध निर्देशकः, तथा सी एम डी, मेकन कथितं स्लाघ्यम्, सुंदरम् इति.  

    लेखकस्य तनु प्रयासेन  CHSGP: ‘आकार गृह लावाकरण उपक्रमं' च  एतत  उपक्रमे  आगतः. *

    *   बी एस पी रिभाईज्ड 4 Mtpa DPR के एह धमन भट्ठी में दु बेल टॉप रहे. बाकिर लेखक एह धमन भट्ठी के एगो सब से आधुनिक  भट्ठी बने सब से नीमन लक्सेम्बर्ग वाला बेल्ल रहित टॉप चार्जिंग सिस्टम के साथ. फेरु बी एस पी  अथॉरिटी, लेखक के विचार से सहमते ना भइल, बलुक खूब साथ देलस, का मैनेजर बी एफ, निर्देशक (प्रोजेक्ट), प्रभंध निर्देशक आ सी एम् डी, मेकन. 

      लेखक के तनी मनी प्रयास से CHSGP: ‘कास्ट हाउस स्लैग ग्रनुलेशन प्लांटों' एह उपक्रम में शामिल क दियाइल *

 **   The 7th Blast Furnace of revised 4 Mtpa DPR had the conventional 2-bell top charging system. However, the Author thought to make this Blast Furnace a most modern one with well proven “Bell-less top charging system” supplied by Luxembourg. Again BSP authority supported the idea of the Author resulting into inclusion of this Bell-less Top Charging System.
     
With a little effort of the Author, CHSGP: ‘Cast House Slag Granulation Plant’ was also included in the Complex.**

भारतस्य  आधुनिकतमं "सप्तम् उष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रमं"

मेकनसलाहकार रूपे लेखकस्य उपरिलिखित सर्वे कथनान भिलाई इस्पात संयन्त्रम कृतः, येन फलितं आधुनिकतमं "सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रमंDDCतथा संगणक नियंत्रित उपक्रमं BHEL, बंगलोर तथा मेकन संचालितम उष्णवायुभ्रष्ट्रं सृ ९०८७ संवत्सरे.

* भारत के आधुनिकतम सांतवा धमन भट्ठी उपक्रम
मेकन के ओर से लेखक के ऊपर लिखल सब सलाहन के भिलाई इस्पात संयंत्र से पूरा कइला के चलते भारत के आधुनिकतम "भिलाई सांतवा धमन भट्ठी उपक्रम" के स्थापना भइल जे में डीडीसी संगणकं से नियंत्रित BHELबंगलोर प्रवंधित ' धमन भट्ठी   उपक्रम संचालित भइल सृ 9087 में.

India’s Most Modern ‘7th Blast Furnace Complex’:
** All the above suggestions of the Author, as the mouth-piece of MECON, the Consultant of BSP, SAIL resulted into the installation of then India’s Most Modern “Bhilai 7th Blast Furnace Complex”  complete with DDC and Computer controls organized by BHEL, Bangalore . ‘7th Blast Furnace Complex’ was commissioned in 1987. **

लेखकस्य कथनानुसारम् "सप्तम् उष्णवायुभ्रष्ट्र संयंत्र तकनीकी" बी.एस.पी, मेकन एवं  बी.एच..एल, बंगलोर मध्ये सुरक्षितम् कृतं.
       
लेखक के सलाह से, श्री एम्.जी.आर प्रसाद निर्देशक (प्रोजेक्ट), बी.एस.पी, सेल, "सप्तम धमन भट्ठी उपक्रम के तकनीकी” के, बी एस पी, मेकन बी.एच..एल के बीच सुरक्षित भइल. *

** As suggested by the Author, Mr MGR Prasad, Director (Project), BSP. SAIL agreed to keep the Technology involved in “the 7th BF Complex”, a secret of BSP, MECON and BHEL. bangalore**

अतः, "भिलाई सप्तम् ऊष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रमस्य" स्थापना, संचालनम् भारते सृ 9087 वर्षे अभवत्, तदा एतत् आधुनिकतम् ऊष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रम आसीत् निम्न लिखितसाधनानाम्.         
1. सर्वथा चालकेभ्यः चालितां सम्वर्धितलौहअयस्कम् तथा जारितकोयला, एवं चूर्णपरीचालनं च. 
2 उच्चरेलगृहे स्वचालित मात्रा मापनं.  
3. बेल्ल रहितऊष्णवायुभ्रष्ट्रN2 गैस पर्जिंग तथा प्रदूषण निवारणं यत् लक्सम्बर्गे च असाधारणं, परन्तु  लेखक-अनुसारेन भारतस्य तापक्रमे सुरक्षा हेतु आवश्यकमासीत्.
4.भ्रष्ट्रे स्टेव-शीतलकान्.  
5.  भ्रष्ट्रतले शीतलकान्.   
6. स्वचालित आकारगृहं शीतलीकृत स्वचालनकेन्द्रम् च.  
7 . स्वचालित स्टोव परिवर्तनम्.  
8. आधुनिकतम  भ्रष्टरगैस प्रक्षालनम्.  
9 स्वचालित आकारगृह स्लैग लावाकरणम्, चालकैः लावासंयन्त्रसीमावहिकरणम्, तस्मात् ग्राहकस्य कार्यंम्.  
10. द्विगुणित जलशोधनंशून्य जलप्रदूषण कर्तुम्.
11. विश्वस्य प्रथमं उष्णवायुभ्रष्ट्रम्,भिलाई सप्तम् उष्णवायुभ्रष्ट्रं’ यत्र स्थापनाकाले एकमपि वृहत-दुर्घटना नाभवत्, अन्यत्र न्यूनतम् द्वे गुर्घटने अभवतां यत्र द्वौ जनौ  दिवंगत:

* एह से, "भिलाई सप्तम ऊष्णवायुभ्रष्ट्र उपक्रम" बी.एस.पी के स्थापना आ संचालन भइल भारत में सृ. 9087 में, जे बनल भारत के तब के आधुनिकतम धमन भट्ठी, जे में नीचे लिखल सुबिधा देल रहे:
1. पूरा कन्वेयर चालित सिन्टर, कोक रिटर्न्स. 
2. हाईलाइन के स्टॉक बिन  स्वचालित वजन कइल. 
3. बेल्ल रहित धमन भट्ठीN2 गैस पर्जिंग आ प्रदूषण निवारण के साथ, जे लक्सम्बर्गो में बिरले होला, बाकिर लेखक के अनुसार भारत में ई सुरक्षा खातिर जरूरी रहे. 
4. भट्ठी के दीवाल के स्टेव कुलिंग. 
5.  भट्ठी के हार्थ के नीचे कूलिंग. 
6.  स्वचालित कास्ट हाउस, AC कंट्रोल रूम से. 
7 . स्वचालित स्टोव बदलाव. 
8. आधुनिकतम भट्ठी गैस सफाई. 
9. स्वचालितकास्ट हाउस स्लैग लावाकरण’, कनवेयरन से लावा के प्लांट सीमा तक भेजाई , जहा से ग्राहक  के  पास. 
10. ट्विन गदूद ठिकेनर, कूलिंग जल रीसर्कुलेटिंग, जे से जल प्रदूषण भइल शून्य. 
11. संसार के पहिला धमन भट्ठी, जेकर स्थापना में एको बढ़ दुर्घटना ना भइल. एकरा से पहिले कम से कम दूआदमी दिवंगत भइल रहन.  

** Thus, “Bhilai 7th Blast Furnace Complex” of BSP, installed and commissioned in India in 1987, became the “Most Modern Blast Furnace Complex” of india with the following facilities and achievements:
1.     Total conveyer charging of Sinter and BF Coke, Sinter-returns.
2.     Automatic weighing and dosing systems in Stoch Bins of High-lines.
3.     Bell-less Top Charging System of the Blast Furnace with N2 gas Purging System, for safety and pollution control rarely used by Luxembourg.
4.     Stave Cooling of BF walls.
5.     BF Hearth Bottom Cooling.
6.     Cast House Automation with AC Control Room.
7.     Automatic Hot Blast Stove changing.
8.     Most modern BF Gas Cleaning System.
9.     Automatic Cast House Slag Granulation plant with conveyerised granulated slag supply outside plant boundary for selling for BF Slag Cement preparation by other concern.
10.                                 Twin thickeners for GCP with cooling water re-circulation system, resulting into Zero water pollution.

11.    The First Blast Furnace of the World:
“Bhilai 7th Blast Furnace Complex” of BSP, SAIL became the 1st Blast Furnace of the World where not a Single Major Accident occurred during its Installation. **    






12.3.  12म् भागम् भाग–12 ख़तम Part–12..

12.3 Autobiography of Dr Pt Deo Dutta Sharma”

                                                                                15.08.2018 CE, सृ.19.05.9118.
54.   भिलाई “7m घण्ट-रहित उष्णवायु-भष्ट्र संयंत्र उत्पादनं” विश्वस्तरम् Bhilaai “7m GhanTa-rahita Sanyantrasya Utpaadanam” VishwaStaram.
भिलाई “७म बेल-रहित धमन भट्ठी के उत्पादन” हर तरह से विश्वस्तर के भइल. Bhilaai “7m Bell-rahit Dhaman BhatThi ke Utpaadan” har tarah se Vishwa star ke bhail.
The Performance of Bhilai “7th Blast Furnace was of World-Class” in all respects.    Page 12.67 – 12.70 
ऊपरि लिखित प्रावधानानि सह, लेखकः चिंतयत् त् भिलाई सप्तम भ्रष्ट्रस्य उत्पाद क्षमता  विश्वस्तरीय भविष्यति.
परन्तु अयं लेखकःडॉ देवदत्त शर्माभ्रष्ट्र संचालन पूर्वमेव ज्ञातः यत उपरि लिखितानि सर्वे प्रावधानानि पश्चात, भिलाई सप्तम उष्णवायुभ्रष्ट्रस्य उत्पादक क्षमता 2 t/m3d -ात अधिकम भविष्यति


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